नई दिल्ली:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की जांच की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर से खारिज कर दिया। कहा, कोई कारण नहीं है जिससे वह दोबारा जांच को अस्वीकार करने के अपने पूर्व आदेश की समीक्षा करे। याचिका में महात्मा गांधी की हत्या के पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए मामले की दोबारा जांच की मांग की गई थी।
शीर्ष न्यायालय ने याचिका के इस दावे कि नए दस्तावेजों और सुबूतों के चलते महात्मा गांधी की हत्या में बड़ी साजिश का संकेत मिलता है, को मानने से इन्कार कर दिया। जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एलएन राव की पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि उन्होंने सावधानीपूर्वक याचिका और उसके साथ संलग्न दस्तावेजों को देखा। लेकिन मामले की दोबारा जांच कराने के लिए पर्याप्त आधार नहीं मिला।
मुंबई में रहने वाले शोधकर्ता पंकज फड़नीस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कुछ पुस्तकों में गांधीजी की हत्या के समय की स्थितियों और फोटो को उन्होंने देखा। गांधीजी के पार्थिव शरीर पर हुए घावों के बारे में जाना। इस आधार पर वह हत्याकांड की दोबारा जांच की जरूरत महसूस करते हैं।
ताजा याचिका में दो पुस्तकों- हू किल्ड गांधी और इंडिया रिमेंम्बर्ड, के तथ्यों का उल्लेख किया गया था। याचिकाकर्ता ने कहा था कि पुस्तकों को पढ़ने से स्पष्ट होता है कि गांधीजी की हत्या के समय देश में शीर्ष पदों पर बैठे व्यक्तियों के बीच हितों का गंभीर टकराव चल रहा था। इससे पहले 28 मार्च, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपिता की हत्या की दोबारा जांच की याचिका को खारिज किया था।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच की मांग सुप्रीम कोर्ट ने फिर ठुकराई
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