नई दिल्ली:भारतीय वायुसेना (India Air Force) चार दशक पुराने मिग विमानों को अगले तीन साल में हटा देगी। इनकी जगह अत्याधुनिक राफेल विमान लेंगे। इस साल के आखिर में जैसे-जैसे राफेल विमान मिलने शुरू होंगे, पुराने मिग-21 विमानों को युद्धक भूमिका से हटाने का सिलसिला शुरू कर दिया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पहले चरण में 2022 तक सभी मिग-21 विमानों को हटा दिया जाएगा। इसके बाद मिग-27 और मिग-29 विमानों को भी हटाया जाना है। इनके लिए 2030 तक का समय रखा गया है। 1964 में भारतीय वायुसेना को पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान मिग-21 प्राप्त हुआ था।
वायुसेना जुड़े सूत्रों के अनुसार मिग-21 विमानों की संख्या अब सीमित रह गई है। मिग-21 की अब सिर्फ तीन स्क्वाड्रन बची हैं जिनमें करीब 40-45 मिग विमान हैं। ये विमान उन्नत किए हुए हैं जिन्हें मिग-21 बाइसन के रूप में जाना जाता है। हाल में एक मिग-21 बाइसन ने पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मारकर रिकॉर्ड कायम किया था। इनमें से कुछ विमान ट्रेनिग के लिए इस्तेमाल होते हैं। इस प्रकार 36 राफेल विमानों से मिग की स्वाड्रन को बदल दिया जाएगा।
वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पहले दो राफेल विमान इस साल के अंत तक वायुसेना को मिल जाएंगे। सभी 36 विमान 2022 तक आने हैं। हालांकि फ्रांस से इसमे तेजी लाने को कहा गया है इसलिए संभावना है कि आपूर्ति और जल्दी हो सकती है।
इसलिए मिग विमानों को हटाया जा रहा
मिग विमानों को लेकर सरकार की चिंता इस बात को लेकर भी है कि ये विमान सामान्य उड़ान के दौरान भी हादसों का शिकार हो रहे हैं। पिछले 40-45 सालों में करीब 500 मिग विमान हादसों का शिकार हुए हैं। जिनमें 171 पायलट और 39 नागरिक मारे गए।
राफेल की खासियत
- राफेल विमान पाकिस्तान के एफ-16 विमानों से कहीं बेहतर हैं। राफेल विमानों को पाकिस्तान में हमला करने के लिए सीमा पार करने की भी जरूरत नहीं है। वे नियंत्रण रखा से ही पाकिस्तान में चल रहे आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने में सक्षम होंगे।
- राफेल दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक है। जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है। यह दुश्मन देश के रडार की पकड़ में नहीं आता और उन्हें चकमा देने में सक्षम है।
- राफेल विमान की क्षमता 3700 किलोमीटर (सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार) और टॉप स्पीड 2200 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा है। दो शक्तिशाली इंजन पलक झपकते ही इसे आसमान की ऊचाइयों पर पहुंचा देते हैं।
- यह विमान परमाणु हमला करने में भी सक्षम है। इसमें लगने वाली मीटियोर और स्केल्प मिसाइलें इसे और भी ज्यादा घातक बना देती हैं। इन विमानों की रेंज इतनी ज्यादा है कि दूर से ही दुश्मन के लड़ाकू विमान को मार गिरा सकती है।