सुरभि सलोनी/मुंबई। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति एवं ओबीसी संगठनों द्वारा आज यानि 5 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया गया है। इस बंद को कई राजनीतिक दलों के अलावा कई सामाजिक व स्टूडेंट संगठनों का भी समर्थन प्राप्त है। इसकी तैयारियां कई हफ्ते पहले से ही शुरू हो गई थीं। इस बंद को मेनस्ट्रीम मीडिया भले ही नहीं कवर कर रही है लेकिन सोशल मीडिया व कई वेब प्लेटफार्म्स पर कई दिनों काफी खबरें आ रही हैं।
मिली जानाकारी के अनुसार, जिन मामलों के विरोध में भारत बंद बुलाया गया है उनमें हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगभग 20 लाख आदिवासियों व वनवासियों से उनके घर व जंगल खाली करने के आदेश, 200 पॉइंट रोस्टर, दलित-आदिवासी समाज के लोगों पर बढ़ते अत्याचार जैसे मामले प्रमुख हैं। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 21 राज्यों के करीब 20 लाख के आसपास के आदिवासियों व वनवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने का आदेश जारी किया था। हालांकि बाद में इस पर रोक लगा दी गई और अगली सुनवाई 10 जुलाई को होनी है। इसके विरोध में आदिवासी व दलित समाज एकजुट होकर इस बंद का समर्थन कर रहा है। उनका मानना है कि यह रोक असस्थायी है और कभी भी इसकी आनुपालना के आदेश हो सकते हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है। आखिर अपने घर से बेदखल होने के बाद लाखों आदिवासी कहां जाएंगे?
दूसरी तरफ 13 पॉइंट रोस्टर का विरोध तमाम एससी/एसटी/ओबीसी/आदिवासी समुदाय के विद्यार्थियों व बुद्धिजीवियों द्वारा किया जा रहा है। उनका कहना है कि 13 पॉइंट रोस्टर आने के बाद इस समुदाय के लोगों का सरकारी शिक्षण संस्थानों में भर्ती लगभग खत्म सी हो गई है, इसलिए सरकार को इस पर अध्यादेश लाकर पूर्ववत करना चाहिए, ताकि सभी के लिए शिक्षण संस्थानों के दरवाजे खुल सकें।
इसके अलावा जातिगत जनगणना जारी न किए जाने, देश में हो रहे प्राईवेटाइजेशन, सरकार द्वारा सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण आदि के विरोध के मुद्दे भी इस बंद में शामिल हैं। बंद समर्थकों का मानना है कि वर्तमान सरकार संविधान विरोधी भी है। संविधान का हर जगह उल्लंघन किया जा रहा है, जिसे रोकना जरूरी है।
इस बंद को राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस सहित कई अन्य नेताओं ने अपना समर्थन दिया है। इसे समर्थन देते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है कि ‘दोस्तों, मोदी सरकार द्वारा आरक्षित वर्गों की नौकरियाँ समाप्त करने के विरोध में 5 मार्च को आहुत भारत बंद में बढ़-चढ़कर भाग लें।‘ इससे पूर्व राजद अध्यक्ष लालू यादव भी इस बंद को अपना समर्थन दे चुके हैं।
https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1102497872212299777
भारत बंद के समर्थन में ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता व कांग्रेस के अनुसूचित विभाग के चेयरमैन नितिन राउत ने लिखा है कि ‘कल के #भारतबंद को हमारा समर्थन हैं। मोदी सरकार में संविधान, संवैधानिक अधिकार, संवैधानिक संस्थाएं और SC, ST और OBC के अधिकार खतरे में हैं।
13 पॉइंट रोस्टर, आर्थिक आधार पर आरक्षण के विरोध में, आदिवासियों को बेघर करने के विरोध में हो रहे #5MarchBharatBandh को हमारा समर्थन हैं।’
https://twitter.com/NitinRaut_INC/status/1102612507917672449
सपा नेता रिचा सिंह ने इस बंद को अपना समर्थन देते हुए 5 मार्च भारत बंद का पोस्टर अपनी वाल पर लगाते हुए लिखा है कि ‘वंचित समुदाय के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए सब साथ आइए और सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत कीजिए।‘
जेएनयू स्टूडेंट कन्हैया कुमार ने इस बंद का समर्थन करते हुए ट्वीट किया है कि ‘शोषित और वंचितों के लिए शिक्षण संस्थानों के दरवाज़े खुले रहें, वो पढ़े और पढ़ा सके, इसलिए 5 मार्च को पूरा भारत बंद रहेगा। लड़ेंगे, जीतेंगे।‘
https://twitter.com/kanhaiyakumar/status/1102601811318460416
इसके अलावा बसपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के तमाम नेताओं सहित शरद यादव ने भी इस बंद को अपना समर्थन दिया है। शरद यादव ने ट्वीट किया है –
#5MarchBharatBandh We don't want assurance but want justice on d issue of eviction of 10 lakh tribals & similarly on d 13 point roster system in d Universities issue. This Govt is not alert, positive & pro active for social justice. To awake this Govt I support d Bharat bandh.
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) March 4, 2019