अगरतला: पश्चिमी मोर्चे के बाद बांग्लादेश से लगती पूर्वी सीमा की सुरक्षा के लिए लेजर दीवारों और अन्य हाई टेक निगरानी प्रणालियों की तैनाती की जाएगी। यह जानकारी सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने दी।
उन्होंने बताया कि समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन व्यवस्था (सीआइबीएमएस) के तहत भारत-बांग्लादेश सीमा पर लेजर दीवार, सेंसर, सीसीटीवी सहित हाई-टेक निगरानी प्रणाली के साथ अत्यधिक दक्षता वाले कैमरे लगाए जाएंगे। शुरुआत में इस निगरानी प्रणाली को असम के धुबरी जिले के महत्वपूर्ण इलाकों और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में स्थापित किया जाएगा। इससे सीमा पर घुसपैठ और अन्य घटनाओं को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
हाल तक सीमा सुरक्षा बल के त्रिपुरा फ्रंटियर के आइजी रहे हेमंत कुमार लोहिया ने बताया कि सीआइबीएमएस के विभिन्न घटकों से मिलने वाले संकेत सीधे यूनीफाइड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर पहुंचेंगे। जिससे बीएसएफ तुरंत निगरानी करने में सक्षम हो सकेगी।
फिलहाल पूर्वी कमान के साथ काम करने वाले लोहिया ने बताया कि सीआइबीएमएस एक तरह की आभासी बाड़ है। जो भूमि, पानी और हवा में एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक अवरोध पैदा करेगी। यह किसी भी तरह के मौसम में चौबीसी घंटे काम कर सकती है। बता दें कि सीमा सुरक्षा के लिए उच्च तकनीकी समाधानों के उपयोग पर गृह मंत्रालय 2012 से विचार कर रहा है।
लोहिया ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल 17 सितंबर को सीआइबीएमएस की दो पायलट परियोजनाओं को शुरू किया था। ये दोनों जम्मू में भारत-पाकिस्तान की 5.5 किलोमीटर सीमा की निगरानी करते हैं। बता दें कि पूर्वी सीमा की सुरक्षा के लिए जहां बीएसएफ की 89 बटालियन तैनात हैं वहीं पश्चिमी सीमा पर 78 बटालियनों को तैनात किया गया है।