लखनऊ: लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजने से पहले योगी सरकार ने अयोध्या में भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमा की स्थापना का बहुप्रतीक्षित फैसला कर लिया है। इससे लगे स्थान पर पर्यटन संबंधी अन्य सुविधाएं (डिजिटल म्यूजियम, पार्किंग आदि) भी विकसित की जाएंगी। इसके लिए 28 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। शनिवार रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। कैबिनेट बैठक में कुल 32 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
औद्योगिक घरानों और लोगों से दान मांगेगी सरकार
कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी राज्य सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और अपर मुख्य सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी ने दी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना की बुनियादी संरचना के विकास में पर करीब 200 से 300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिसे सरकार वहन करेगी। मूर्ति पर आने वाला खर्च कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत औद्योगिक घराने करेंगे। इसके लिए सरकार जनता से दान की भी अपील करेगी।
मूर्ति का स्वरूप क्या होगा? इसकी ऊंचाई और डिजाइन क्या होगी? इस बारे में फैसले लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी गठित करने का निर्णय हुआ है।तकनीकी सलाह के लिए गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कराने वाली फर्म के साथ मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) हस्ताक्षरित किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि श्री राम प्रतिमा के निर्माण में करीब तीन साल का समय लगेगा।