विक्रोली। साध्वी श्री सोमलता अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमण जी की प्रबुद्ध शिष्या शासन श्री सोमलता जी मुम्बई महानगरी के विभिन्न उपनगरों डोम्बिवली, उलासनगर ,भिवंडी ,थाना,मुलुंड, भांडुप,आदि क्षेत्रो में ज्ञान ,दर्शन ,चरित्रा की सरिता प्रवाहित करते हुए विक्रोली हजारीबाग बिल्डिंग में पधारे । शासन श्री जी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए ओजशवी वाणी मे कहा -संसार में मन,धन,यौवन,जीवन सभी कुछ चंचल हैं इस चंचल जहान में धर्म ही स्थिर और शाश्वत हैे इसलिए अन्य कार्य करते हुए भी धर्म को नहीं भूलना चाहिए जैसे चुटकी भर नमक व्यंजन का स्वाद बढ़ा देता वैसा ही थोड़ा सा भी धर्माचरण जीवन को सार्थक बना देता है । माला, सामयिक, संवर ,जप, आदि धर्म के अनेक मार्ग है यथाशक्ति ,यथाभक्ति प्रतिदिन किसी न किसी एक मार्ग का जरूर अनुसरण करना चाहिए ।प्रसंगवश साध्वीश्री ने लोगो को प्रत्येक घर में तेरह घंटे के जप की प्रेरणा दी ।
उत्साहित लोगों ने अपने अपने नाम देकर इस क्रम को प्रारंभ करने का संकल्प किया इससे पहले साध्वीश्री जी की प्रेरणा से डोम्बिवली ,भिवंडी ,मुलुंड,भांडुप,आदि। क्षेत्रों में भी यह अनुष्ठान नियमित रूप से प्रारंभ हो चुका है । नवनीत चौधरी ने कहा कि विक्रोली में सभाभवन के लिए कई वर्षों से प्रयास जारी था ।साध्वीश्री जी के पदार्पण से ऐसा माहौल बना कि असंभव दिखने वाला कार्य भी साध्वीश्री के सानिध्य में संभव बन गया । ख्याली लाल जी तातेड़, संपत लाल चोरडिया, किशन कोठारी, संपंत लाल चोरडिया, laxhmi लाल जी, प्रकाश जी ,तनसुख जी ,संजय जी, अदि वरिष्ट लोग उपासक श्री मिश्रीलाल जी चौधरी से मिले। साध्वीश्री जी का मंगलपाठ श्रवण करके चिर संचित सपने को साकार देखकर सबके चेहरे ख़ुशी से पुलक उठे । उत्साहित श्रावक समाज ने साध्वी्श्री जी के प्रति भूरि-भूरि कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि हमारे लिए आपका एक दिवसीय प्रवास चिर स्मरणीय रहेगा ।
शासन श्री साध्वी श्री सोमलता जी के प्रवास से विक्रोली भवन का सपना हुआ पूर्ण
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