नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले के बाद उपजी सुरक्षा चुनौतियों को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने 44 देशों में तैनात भारत के डिफेंस अटैची के साथ यहां दिल्ली में अहम बैठक की है। दो दिनों तक चलने वाली इस बैठक में आतंकवाद के मोर्चे पर पाकिस्तान को बेनकाब करने पर चर्चा हुई। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार इस बैठक का बड़ा मकसद आतंकवाद के मसले पर विश्व शक्तियों को एकसाथ लाना है।
माना जा रहा है कि कि इस बैठक में भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और आतंकी हमलों में उसकी भूमिका के बारे में भारत के एक्शन प्लान को लेकर चर्चा हुई है। उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय में पाकिस्तान के खिलाफ तैयार किए जा रहे डोजियर के साथ यह डिफेंस अटैची दुनिया के प्रमुख देशों के साथ पाकिस्तान के खिलाफ लामबंदी की योजना पर अमल करेंगे।
पुलवामा हमले के बाद यह पहली बार है जब रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने तीनों सेनाध्यक्षों के साथ इस प्रकार की बैठक की हैं। हालांकि यह बैठक पुलवामा में हुए आतंकी हमले से पहले निर्धारित थी, लेकिन अब बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत, पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से अलग-थलग करने की कोशिश में लगा हुआ है।
फिदायीन हमले के बाद इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर कैसे और ज्यादा शिकंजा कसा जाए, इसे लेकर विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत भी संभव है।
इस बैठक से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमलावरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के संकेत भी दिए हैं। पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के खिलाफ सेना अपने तय वक्त और जगह पर जवाब देंगी। इस संदेश के बाद अब तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान को माकूल जवाब देने की पूरी तैयारी शुरु कर दी है। इस बैठक को भी जानकार उसी तैयारी स्वरुप देख रहे है।
बैठक में ना सिर्फ पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बात होगी बल्कि चीन से सटी सीमा को लेकर भी चर्चा हो सकती है। इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक रणनीति के साथ सामरिक रणनीति पर भी अहम फैसले लिए जाएंगे। इसके बाद इसकी जानकारी पीएम मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली की बैठक में दी जाएगी।
बता दें कि भारत दुनिया के 44 अहम देशों में अपना डिफेंस अटैची रखता है। यह अटैची उस देश के साथ रक्षा संबंध बनाए रखने का काफी अहम और संवेदनशील काम को अंजाम देते हैं। ब्रिगेडियर और कर्नल रैंक के यह अटैची थल, जल और वायुसेना से चुने जाते हैं।
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