नई दिल्ली:केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार एक लक्षित दृष्टिकोण के जरिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने के लिए एक ब्लूप्रिंट पर काम कर रही है।उन्होंने ग्लोबल बिजनस समिट में कहा, ‘हमने तमाम क्षेत्रों में लगी पाबंदियों को हटा दिया है। मैंने इन्वेस्ट इंडिया को उन कंपनियों की पहचान करने के लिए कहा है, जिन्हें वह रकम मिल सकती है। मैंने उन कंपनियों पर शोध किया है, जिनके पास कैश है, वे कहां निवेश करेंगे, क्षेत्र की मंशा क्या है और मैं व्यक्तिगत तौर पर फॉर्च्यून 500 कंपनियों से बात कर रहा हूं और उन्हें निवेश करने के लिए भारत आने के लिए कहा है।’ साल 2017-18 में भारत में एफडीआईनिवेश लगभग 61 अरब डॉलर से अधिक रहा था।
प्रभु ने यह भी कहा कि भारत का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट वित्त वर्ष के अंत में रेकॉर्ड हाई रहने की संभावना है और पहली बार वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात 500 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘हम हीरे के आयात के लिए रूस की साझेदारी में मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे हमें कच्चे माल तक पहुंच बनाने और साथ मिलकर काम करने में मदद मिलेगी। मध्य-पूर्व के साथ हम एक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करने पर काम कर रहे हैं, जहां हम भी निवेश करेंगे, वे भी निवेश करेंगे और हम इसे दोबारा उन्हें निर्यात करेंगे।’
विदेशी निवेश 100 अरब डॉलर पहुंचाने की योजनाः सुरेश प्रभु
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