आज मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर सूर्या सिन्हा का नाम काफी जाना पहचाना है । डेढ़ सौ से अधिक देशों में जाकर वे जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर अपने भाषण देकर लोगों में नयी उत्साह और नया उम्मीद जागते रहे हैं। यही नहीं, वे जीवन दर्शन पर कई किताबें भी लिख चुके हैं। एक जमाने में उनका नाता बॉलीवुड से भी रहा था।
वे फ़िल्म निर्माता और फाइनेंसर के रूप में वर्ष 1986 से 2000 तक बॉलीवुड में एक्टिव रहे । इस दौरान उन्हें कई खट्टे-मिट्ठे अनुभव हुए। चूंकि खट्टे अनुभव ज्यादा हुए थे इसलिए बॉलीवुड को अलविदा कह दिया और इन अनुभवों ने उन्हें मोटिवेशनल स्पीकर बनने के लिए प्रेरित किया। एक लंबे समय के बाद सूर्या सिन्हा बतौर निर्माता फिर एक बार बॉलीवुड में दाखिल हुए हैं। उन्होंने “22 यार्ड्स ” का निर्माण किया है । क्रिकेट खेल में पीच की लंबाई 22 यार्ड्स होती है चूंकि यह फ़िल्म क्रिकेट पर आधारित है इसलिए इसका यह नाम रखा गया है । यह फ़िल्म खेल पत्रकार मिताली घोषाल द्वारा निर्देशित की गई है और इसमें बरुन सोबती , पंछी बोरा , राजित कपूर , मृणाल मुखर्जी, अमर्त्य रे ने अभिनय किया है। फ़िल्म के कई दृश्य कोलकाता के ईडन गार्डन में भी फिल्माया गया है। पिछले दिनों फ़िल्म का फर्स्ट लूक जारी हुआ। उसी अवसर पर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली नज़र आये और वह फिल्म का ट्रेलर देख प्रभावित हुए।
सूर्या सिन्हा कहते हैं कि जब कोई खिलाड़ी जीत हासिल करता है तो पूरी दुनियां को खिलाड़ी के चेहरे की रौनक व थमाई गई चमचमाती ट्रॉफ़ी नजर आती है। दुनिया इससे अनजान होती है कि यह जीत हासिल करने के लिए खिलाड़ी ने कितनी मेहनत की है। मेरी इस फ़िल्म में खिलाड़ी के साथ साथ उसके घरवालों द्वारा किए गए संघर्ष की कहानी प्रस्तुत की गई है। इसके अलावा स्पांसरों के मायाजाल को भी कहानी में बुना है । यह फ़िल्म हर खिलाड़ी को समर्पित है। इन दिनों हमारे देश में खेल को खूब बढ़ावा दिया जा रहा है । ऐसे में यह कहना गलत ना होगा कि “22 यार्ड्स” का आगमन सही समय पर हो रहा है।
– संतोष साहू