शनैः पन्थाः शनैः कन्था शनैः पर्वतलंघनम ।
शनैर्विद्या शनैर्वित्तं पञ्चतानि शनैः शनैः ॥
(अर्थात धीरे-धीरे (या धैर्य के साथ) रास्ता तय करना, धीरे-धीरे चादर सिलना और धीरे-धीरे ही पहाड़ चढ़ना चाहिए। धीरे-धीरे विद्यार्जन, धीरे-धीरे धनोपार्जन करना चाहिए। यानी इन पांच कामों को निश्चित रूप से धैर्य के साथ करना चाहिए।)
आजकल हर कोई जल्दबाजी में है या उससे जल्दी की डिमांड की जाती है। लेकिन शायद जिंदगी की जठिल चुनौतियों से पार पाने में जल्दबाजी से सफलता हासिल नहीं की जाती। तभी तो सैकड़ों साल पहले प्राचीन ग्रंथों में ऊपर दी गई कहावत लिखी गई है। धैर्य के महत्व को बताते हुए हिन्दी में भी कहावत है, ‘जल्दी काम शैतान का’। बहुत से कार्य चुनौती पूर्ण और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं ऐसे में उन्हें धैर्य के साथ ही पूरा किया जाना चाहिए।
जल्दबाजी नहीं लगन से काम करें-
कई हमें स्कूल-कॉलेज, दफ्तर आदि में हर काम जल्दी करने क लिए कहा जाता है। लेकिन ऐसा सोचने वालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जल्दी की बजाए यदि लगन से काम करें तो वह जल्द पूरा होगा और ज्यादा परफेक्ट भी होगा। लगन के साथ काम करने का मतलब है आपका मन काम में पूरी तरह से लगना। और जब आपका काम में मन लगेगा तभी आप किसी काम को जल्दी पूरा भी कर सकेंगे।