दहिसर। साध्वी श्री अणिमा श्रीजी व साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में दहिसर महिला मंडल द्वारा जैन स्थानक के सुरम्य परिसर में सास बहु सम्मेलन का शानदार आयोजन किया गया। जिसमे अच्छी संख्या में बहनो ने भाग लिया।
साध्वी श्री अणिमा श्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उदबोधन में कहा परिवार रिश्तों के समवाय का नाम है। इस समवाय के दो घटक तत्व है। सास बहु । जिसे परिवार रूपी रथ के दो मजबूत चक्र कह सकते है। परिवार रूपी नदी के दो किनारे है सास बहू । सास बहू के आपसी संबंधों में सरसता , सहजता, का अवतरण पूरे परिवेश में समरसता भर सकता है। सौहार्द , समझदारी और धीरज का आलम्बन पूरे परिवार में प्रसन्नता व पवित्रता में सामंजस्य और स्नेह का वातावरण विकसित कर ले तो परिवार में खुशहाली का वातावरण निर्मित हो सकता है। सास अपनी बहुओ को वात्सल्य की धारा में अवगाहन करवाकर अपने व परिवेश के अनुकूल बना सकती है। बहू विनम्रता का दरिया बहाकर नए परिवेश में आनंद के शतदल खिला सकती है। विनम्रता व वात्सल्य के द्वारा सास बहू के संबंध प्रगाढ़ बन सकते है। विनम्रता व वात्सल्य के द्वारा सास में माँ का रूप एवं बहु में बेटी का रूप नजर आ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो घर परिवार मंदिर से कम नही होगा।
साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने मंगलमय भावो की प्रस्तुति देते हुए प्रेरणा दी। साध्वी कर्णिका श्रीजी ने अपने विचारों की प्रस्तुति दी। कुशल संचालन अखिल भारतीय कन्यामण्डल सह प्रभारी तरुणा बोहरा ने किया। मंजू चोरडिया ने स्वागत भाषण दिया। सह संयोजिका रेखा डूंगरवाल ने आभार ज्ञापन किया। उषा लोढा, विनीता डूंगरवाल, पिस्ता दुगड़, प्रेमा मेहता, मीना कटारिया, ने मंगल संगान किया । सुशीला डूंगरवाल, किंजल खिमेसरा चंदा कच्छारा, पिंकी खिमेसरा , मंजू चोरडिया, तरुणा बोहरा ने सास बहुओ की वर्तमान की समस्याओं की रोचक प्रस्तुति दी।
दहिसर में हुआ सास बहु सम्मेलन का आयोजन
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