नई दिल्ली:देश में नौवीं से लेकर स्नातकोत्तर तक की करीब नौ लाख कक्षाओं में अगले तीन साल के अंदर आम ब्लैकबोर्ड की जगह डिजिटल ब्लैकबोर्ड लगाए जाएंगे। इसकी शुरुआत जुलाई से शुरू होने नए अकादमिक वर्ष से कर दी जाएगी।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड की शुरुआत करते हुए बताया कि इसका उल्लेख 2018-19 के बजट में हुआ था। इस पर कार्ययोजना तैयार करने के लिए प्रोफेसर झुनझुनवाला के नेतृत्व में समिति गठित की गई थी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर इस पहल को आगे बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत स्कूल स्तर पर नौवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा में और सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड लगाए जाएंगे। इस पूरी कवायद पर तीन साल में सात हजार करोड़ से 10 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें से 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि 40 फीसदी राशि राज्यों को देनी होगी। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, स्कूलों में इस योजना का पैसा समग्र शिक्षा अभियान से लिया जाएगा। जबकि उच्च शिक्षा संस्थानों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड की फंडिंग हीफा से कर्ज लेकर पूरी की जाएगी।
जावड़ेकर ने कहा, स्कूल स्तर पर देश में 1.5 लाख सरकारी स्कूल हैं। इनमें करीब सात लाख कक्षाएं हैं। वहीं कालेज एवं विश्वविद्यालय स्तर पर दो लाख कक्षाएं हैं। इस प्रकार से कुल नौ लाख कक्षाएं हैं। अगले तीन साल में इनमें डिजिटल ब्लैकबोर्ड लगाया जाएगा। इन डिजिटल ब्लैकबोर्ड के जरिये फिल्म, व्याख्यान, शिक्षण, गेम आदि का इस्तेमाल कर विविध विषयों पर अवधारणाएं स्पष्ट की जाएंगी। इसमें पाठ्य सामग्री भी शामिल होगी। छात्रों के संवाद के आधार पर शिक्षकों के जवाब भी उपलब्ध होंगे। इस बारे में तकनीकी जरूरतें दो-तीन महीने में पूरी कर ली जाएंगी। मंत्री ने कहा कि स्वयं पोर्टल पर पहले से ही 2000 ई सामग्री उपलब्ध है।
इन स्कूलों में होगा लागू
केंद्र सरकार के केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, कस्तूरबा बालिका विद्यालयों और राज्य सरकार के स्कूलों व नगर निगम एवं स्थानीय निकायों के स्कूलों में इस योजना को लागू किया जाएगा। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, देश में ऐसे डेढ़ लाख स्कूल हैं।
साठ साल पहले देश में ब्लैकबोर्ड अभियान चलाया गया था, क्योंकि तब हमारे स्कूलों में ब्लैकबोर्ड नहीं थे। अब हमारी आकांक्षाएं बढ़ गई हैं, इसलिए अब इसी तर्ज पर ऑपरेशन डिजिटल ब्लैकबोर्ड चलाया जाएगा। -प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधन विकास मंत्री, भारत