मुंबई। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली एमएमआरडीए प्रशासन ने अपनी नई पहचान निर्माण करने के लिए एमएमआरडीए प्रशासन की मुद्रा यानी लोगो बदल दी है और मुद्रा की डिजाईन पर 3.54 लाख का खर्च की है। यह जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को एमएमआरडीए प्रशासन ने दी है। गत 44 वर्ष से इस्तेमाल होनेवाले लोगो बदलने से अब सभी स्थानों पर कार्पोरेट लुक वाले नए लोगो पर 30 लाख का खर्च अपेक्षित है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से नए लोगो और उसपर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने अनिल गलगली को बताया कि 2 चरणों में नए लोगो बनाने के लिए मेसर्स डिजाईन ओरबी नामक कंपनी को 3 लाख 54 हजार रुपए दिए गए हैं। एमएमआरडीए प्रशासन ने उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर एमएमआरडीए प्रशासन ने नई मुद्रा बनाने के लिए एमएमआरडीए प्राधिकरण की मंजूरी ली थी। मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1974 की धारा 3(2) में महानगर प्राधिकरण यह एक कानून द्वारा संस्थापित संस्था होगी, उसकी अखंड अधिकार परंपरा होगी और उसकी एक सामान्य मुद्रा होगी। उसके अनुसार प्राधिकरण ने दिनांक 11 मई 1975 को लोगो को मान्यता दी। महानगर आयुक्त का दावा ऐसा था कि वर्तमान में प्राधिकरण द्वारा जो विभिन्न ढांचागत सुविधा योजना हाथों में लिया गया, जिसकी परिकल्पना स्थापना के दौरान नहीं की गई थी। प्राधिकरण में होनेवाला संस्थात्मक बदलाव और मेट्रो, सड़क और उड्डानपूल इसकी संकल्पना स्पष्ट के तौर पर परिभाषित करने वाला नया लोग है। यह प्रस्ताव 10 जुलाई 2015 से विचारधीन था। इस तरह पैसों की फिजूलखर्ची ठीक नहीं है।
इस मुद्रा के सिर्फ डिजाईन पर अब 3.54 लाख खर्च भले ही हुए हैं लेकिन भविष्य में सभी स्थानों पर एमएमआरडीए प्रशासन की पुराना लोगो बदलने के लिए एमएमआरडीए प्रशासन को और 30 लाख खर्च का प्रावधान किया गया है। गलगली के अनुसार मुद्रा बदलने से काम में भी बदलाव होना आवश्यक है जबकि पुराना लोगो स्वयंस्पष्ट था। एमएमआरडीए प्राधिकरण के अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होने से कार्पोरेट के बजाय सेवा और गुणवत्तापूर्ण देनेवाली एमएमआरडीए ऐसी पहचान निर्माण होने की जरुरत होने की बात गलगली ने कही।
3.54 लाख रुपए खर्च कर एमएमआरडीए ने बदला लोगो
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