रावलपिंडी :पुलवामा हमले का आदेश जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने रावलपिंडी के अस्पताल से दिया था। यह आदेश उसने अपने भतीजे उस्मान की हत्या का बदला लेने के मद्देनजर दिया था। उस्मान को सुरक्षाबलों ने पिछले वर्ष अक्टूबर में त्राल में मार गिराया था। इसके तहत नए लोगों को तलाश करना, उनका ब्रेनवॉश कर उन्हें आत्मघाती हमलावर बनाना था। आपको बता दें कि मसूद अजहर का रावलपिंडी के आर्मी अस्पताल में कथिततौर पर इलाज चल रहा है। एक अंग्रेजी अखबार ने एक खुफिया अधिकारी के हवाले से इस बात का खुलासा किया है।
ऑडियो संदेश के जरिए दिया आदेश
रिपोर्ट की मानें तो पुलवामा हमले से करीब आठ दिन पहले अजहर ने एक ऑडियो संदेश के जरिए यह आदेश दिया था। इसमें उसने कहा था कि इस लड़ाई में मौत से ज्यादा अच्छा कुछ और नहीं है। ऑडियो में कहा गया है कि कोई इन्हें दहशतगर्द कहेगा, कोई निकम्मा, कोई पागल, तो कोई इन्हें अमन के लिए खतरा कहेगा। मसूद अजहर ने यूजेसी के दूसरे घटकों के साथ अपने पुलवामा हमले की योजना को साझा नहीं किया था। इस टेप के जरिए अजहर ने अपने भतीजे उमेर और अब्दुल राशिद गाजी को घाटी में युवाओं का ब्रेनवॉश करने और उन्हें IED धमाके के साथ आत्मघाती हमले के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी।
पीओके के मुजफ्फराबाद में हुई थी
वहीं दूसरी तरफ यूजेसी की बैठक में नए लॉन्चपैड तैयार करने की बात पर सहमति बनी थी। इसके बाद एक बैठक पीओके के मुजफ्फराबाद में हुई थी जिसमें आत्मघाती हमलावरों पर चर्चा हुई थी। यह बैठक यूजेसी के प्रमुख और हिजुबल मुजाहिद्दीन के कमांडर सैयद सलाउद्दीन के नेतृत्व में हुई थी। इस बैठक में हिजबुल के दूसरे बड़े नेता और डिप्टी चीफ इम्तियाज आलम, झेलम घाटी के डॉक्टर अबू खालिद, तहरीक अल मुजाहिद्दीन के शेख जमीउल रहमान और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के ब्रिगेडियर जुबेर शामिल हुए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर में खुफिया अधिकारी के हवाले से यहां तक लिखा है कि इस हमले के लिए जैश के किसी आतंकी का इस्तेमाल न करने और अंजान चेहरों का इस्तेमाल करने के आदेश दिए गए थे। इस दौरान उमेर, गाजी और इस्माइल दक्षिण कश्मीर में ही छिपे हुए थे।
रावलपिंडी के आर्मी अस्पताल से मसूद अजहर ने दिए थे पुलवामा हमले के आदेश
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