मुंबई. भाजपा और शिवसेना के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन पर सहमति बन गई है। गठबंधन की औपचारिक घोषणा आज शाम हो सकती है। शिवसेना सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि इसके लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
विधानसभा चुनाव को लेकर पेंच फंसा
इसी साल होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों दलों के बीच पेंच अभी भी फंसा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा ने शिवसेना के सामने ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला रखा है। वहीं, शिवसेना की मांग है कि अगर गठबंधन सरकार बनती है तो सीटें भाजपा की ज्यादा होने पर भी मुख्यमंत्री शिवसेना का ही हो।
पिछला लोकसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था
2014 का लोकसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा 24 और शिवसेना 20 सीटों पर लड़ी थी। उस वक्त गठबंधन में शामिल राजू शेट्टी की स्वाभिमानी पक्ष को दो सीटें मिली थीं। जबकि, एक-एक सीट राष्ट्रीय समाज पक्ष और रामदास अठावले की आरपीआई को दी गई थी। शेट्टी गठबंधन से अलग हो गए हैं। हालांकि, इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना एनडीए से अलग हो गई, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद उसने भाजपा काे समर्थन दिया और गठबंधन सरकार बनी। हालांकि, दोनों दलों के बीच रिश्ते पिछले पांच साल में तनावपूर्ण रहे हैं। शिवसेना कई बार यह खुलकर कह चुकी थी कि वह 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।
पालघर सीट पर उपचुनाव के दौरान भी कड़वाहट बढ़ी थी
बताया जा रहा है कि भाजपा पालघर लोकसभा सीट छोड़ने के लिए तैयार है। 2018 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। यह सीट भाजपा सांसद चिंतामन वनगा के निधन से खाली हुई थी। हालांकि, उनके बेटे श्रीनिवास वनगा ने शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्हें भाजपा के राजेंद्र गावित ने हरा दिया।