नई दिल्ली:जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक भीषण फिदायिन हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 44 जवान शहीद हो गये और कई अन्य बुरी तरह घायल हो गये। जैश के आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद सीआरपीएफ ने ट्विटर (CRPF Tweet) पर ट्वीट किया है। सीआरपीएफ ने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि न भूलेंगे, न माफ करेंगे। ट्वीट में आगे लिखा गया है कि हम शहीदों के परिजनों के साथ हैं।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में लाटूमोड पर इस काफिले पर अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे घात लगाकर हमला किया गया था। मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि आत्मघाती हमलावर उस वाहन को चला रहा था जिसमें 100 किग्रा विस्फोटक रखा हुआ था। वह गलत दिशा में वाहन चला रहा था और उसने जिस बस पर सीधी टक्कर मारी उसमें 39 से 44 सुरक्षा कर्मी यात्रा कर रहे थे।
जम्मू में आतंकी हमले के खिलाफ बंद से जनजीवन प्रभावित
जम्मू एवं कश्मीर में शुक्रवार को घाटी में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में आहूत बंद के कारण जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यहां गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। बंद का आह्रान जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) द्वारा किया गया है जो स्थानीय व्यापारियों और उद्योगपतियों की एक प्रभावशाली संस्था है।