जम्मू: परिवारों के साथ कुछ दिन हंसी-खुशी बिताकर लौटे सीआरपीएफ जवानों का काफिला गुरुवार तड़के तीन बजे जम्मू के छन्नी रामा से श्रीनगर के लिए निकला था। यह जवान भूस्खलन और बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से करीब एक हफ्ते से जम्मू के छन्नी रामा स्थित ट्रांजिट कैंप में फंसे हुए थे। सुबह जम्मू से श्रीनगर जाने के लिए राजमार्ग को एक तरफ खोला गया था।
राजमार्ग बंद होने से करीब एक हफ्ते से जम्मू में फंसे थे जवान
जम्मू में फंसे जवानों के 60 से अधिक वाहन निकाले गए। क्योंकि मौसम फिर बिगड़ने के आसार थे। ऐसे में सीआरपीएफ की कोशिश थी कि जम्मू में फंसे काफिले को सुरक्षित श्रीनगर पहुंचा दिया जाए। यह हमला उस समय हुआ जब काफिला अपनी मंजिल से करीब 30 किलोमीटर दूर था।
जम्मू से सीआरपीएफ वाहनों को कश्मीर भेजने के सुरक्षा प्रबंधों की नए सिरे से समीक्षा की जा रही है। जम्मू से सीआरपीएफ के अन्य वाहनों के काफिलों को श्रीनगर के लिए रवाना किया जाएगा।
जवान देश के विभिन्न हिस्सों से छुट्टी काटकर जम्मू के ट्रांजिट कैंप में आ जाते हैं। इसके बाद उन्हें कश्मीर में अपनी बटालियनों में भेजने के लिए श्रीनगर स्थित ट्रांजिट कैंप में भेजा जाना था।
कैसे पहुंचा विस्फोटक से लदी कार लेकर
गुरुवार सुबह सवा तीन बजे स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर अपनाते हुए इस काफिले के साथ सीआरपीएफ की रोड ओपनिंग पार्टियां, काफिले के शुरू, मध्य और अंत में सुरक्षा कर्मियों के वाहन थे। रास्ते में स्थानीय सीआरपीएफ बटालियनों को काफिले की सुरक्षा का बंदोबस्त करने की जिम्मेवारी थी।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा के लिए हर बंदोबस्त किया गया था। ऐसे हालात में यह जांच का विषय है कि पुलवामा में 320 किलो विस्फोटक से लदी कार लेकर आतंकी फिदायीन हमला करने के लिए कैसे पहुंचा। अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इसकी जांच की जा रही है।
जम्मू से रवाना हुआ था हंसी-खुशी छुट्टी बिताकर लौटे जवानों का काफिला
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