नई दिल्ली:72,400 असॉल्ट राइफलों की खरीद के लिए एक अमेरिकी कंपनी के साथ करार के बाद भारत सरकार ने रक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ा फैसला लिया है। बुधवार देर शाम केंद्र सरकार ने रूस के साथ मिलकर करीब 7 लाख 47 हजार कलाश्निकोव राइफलों के निर्माण के करार का फैसला किया है। इन राइफलों को बनाने के लिए प्लांट उत्तर प्रदेश के अमेठी में लगाया जाएगा।
दोनों देशों की सरकारों के बीच होने वाले इस करार के तहत रूस की कलाश्निकोव कंसर्न और भारत का ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड मिलकर AK-47 की तीसरी पीढ़ी की राइफलें AK-203 तैयार करेंगे। दोनों देशों के बीच आधिकारिक समझौते पर दस्तखत इस हफ्ते के आखिर तक होने की संभावना है। उसी वक्त करार से जुड़ी कीमत, समयसीमा जैसी अन्य जरूरी जानकारियां सामने आएंगी।
आपको बता दें कि यह समझौता रक्षा मंत्रालय के उस प्रस्ताव के तहत हो रहा है जिसमें मंत्रालय ने साढ़े छह लाख राइफलों की खरीद के लिए ‘अभिरुचि पत्र’ मांगे थे। ये राइफलें पूरी तरह ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम के तहत भारत में ही बनाई जाएंगी। इस करार में भारत सरकार की पॉलिसी के तहत ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के पास मेजॉरिटी शेयर 50.5 फीसदी रहेगा, जबकि रूस के पास 49.5 फीसदी शेयर होंगे।
इसी हफ्ते केंद्र सरकार ने 72,400 असॉल्ट राइफलों की खरीद के लिए एक अमेरिकी कंपनी के साथ करार किया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट (एफटीपी) के तहत एसआईजी जॉर असॉल्ट राइफल्स के लिए US के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं। सालभर के भीतर अमेरिकी कंपनी एसआईजी जॉर से 72,400 7.62एमएम राइफलें मिल जाएंगी। फिलहाल भारतीय सुरक्षाबल 5.56×45 एमएम इनसास राइफलों से लैस हैं।
भारत ने रूस के साथ किया 7.47 लाख AK राइफलों का करार
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