नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने पिछले महीने अपने दो पूर्व वरिष्ठ अफसरों की आपसी खींचतान के बीच कुल 67 मामले दर्ज किए हैं। केंद्र सरकार ने अपने लिखित जवाब में लोकसभा को बताया कि सीबीआइ ने पिछले तीन सालों में 4100 से अधिक सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए हैं।
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को निचले सदन को बताया कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सभी कदम उठा रही है। जांच एजेंसी ने वर्ष 2018 में कुल 765, 2017 में 940 और 2016 में 925 केस दर्ज किए हैं। इस साल 31 जनवरी तक सीबीआइ ने 67 मामले दर्ज किए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भ्रष्टाचार के 1767 मामले 4,123 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ वर्ष 2016-17-18 में दर्ज किए गए हैं। इन 1767 मामलों में से 900 मामलों में आरोप पत्र दायर हो चुके हैं। 59 मामलों में नियमित विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है। जबकि 89 मामलों को बंद कर दिया गया है या उनका निपटारा हो चुका है।
इसी तरह आरोप पत्र दायर होने वाले 900 मामलों में से 19 में दोषियों को सजा हो गई। जबकि नौ में आरोपितों को बरी कर दिया गया और चार मामलों में निपटारा हो चुका है। उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून में विगत 26 जुलाई, 2018 को संशोधन किया गया था।