नई दिल्ली:आने वाले समय में यदि स्कूल में बच्चे के साथ कोई हादसा हुआ और स्कूल में सुरक्षा से जुड़ी कमियां पाई गईं तो स्कूल प्रबंधकों को जेल भी जाना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से तैयार की जा रहे स्कूल सुरक्षा नियमों में यह प्रावधान किया जा रहा है। मंत्रालय ने स्कूल सुरक्षा नियमों को लेकर हितधारकों से राय लेना शुरू कर दिया है। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, मार्च महीने में यह नियम जारी कर दिए जाएंगे।
वर्ष 2017 में गुरुग्राम के एक बड़े प्राइवेट स्कूल में एक छात्र की सनसनीखेज हत्या के बाद ऐसे मामलों में प्रबंधन की जवाबदेही तय करने को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 11 अप्रैल 2018 को सरकार से छह महीने के अंदर स्कूल सुरक्षा से नियम बनाने का आदेश दिया था। बाद में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नियम तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 31 मार्च 2019 तक की अनुमति मांग ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने हिन्दुस्तान को बताया कि मार्च में इन नियमों को जारी करने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने 2017 में स्कूल में बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा एक मैनुअल जारी किया था, इसे ही आधार बना कर नए नियम तैयार किए जा रहे हैं। हालांकि, इसे और सख्त बनाने के लिए मंत्रालय ने इसमें कुछ नए प्रस्ताव जोड़े हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा नियमों में हीलाहवाली बरतने वाले स्कूल के प्रबंधकों को जेल भेजने की प्रस्ताव शामिल है।
इसके अलावा, एनसीपीसीआर के दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया था कि 164 सुरक्षा पैमाने में एक का भी उल्लंघन करने पर पहली बार स्कूल के कुल राजस्व का एक फीसदी, दो दोबारा उल्लंघन करते जाए पकड़े जाने पर कुल राजस्व का तीन फीसदी और तीसरी बार उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर कुल राजस्व का 5 फीसदी जुर्माना वसूलना चाहिए। इसके बाद फिर स्कूल सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर जिला अधिकारी को स्कूल का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का भी अधिकार देने की बात कही गई है। इन प्रस्तावों पर भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय सहमत है।
अधिकारी ने बताया कि स्कूल सुरक्षा नियमों के प्रस्तावों पर हितधारकों की बैठक 14 फरवरी और 19 फरवरी को बुलाई गई है। इसमें राज्य सरकारों के अधिकारी, एनसीपीसीआर के प्रतिनिधि, कुछ स्कूलों के प्रिंसिपल और गैर-सरकारी संगठनों के लोग शामिल हैं। इनसे चर्चा के बाद सुरक्षा नियमों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा और मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई मियाद खत्म होने से पहले इसे जारी कर दिया जाएगा।