नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने का फैसला किया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में अवर सचिव विश्वास सिंह ने याचिकाकर्ता सुरेंद्र सिंह हुड्डा को भेजे गए पत्र में इसकी जानकारी दी है।
दरअसल, एक खोजी पत्रकार सुरेंद्र सिंह हुड्डा ने याचिका दायर करके यूपी अनएडेड मेडिकल कॉलेज वेलफेयर एसोसिएशन में कथित भ्रष्टाचार की सीबीआइ जांच कराने की मांग की थी। बता दें कि इसी संस्था ने 2015 में एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी। हुड्डा ने 2015 में मथुरा स्थितकेडी मेडिकल कॉलेज में एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के नाम पर होने वाले घपलों को उजागर किया था। हालांकि मामला प्रकाश में आने के बाद भी स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने की जरूरत नहीं समझी।
दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका के बाद जागी एमसीआइ
इसके बाद 2016 में हुड्डा ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर दी। यहां पर इस मामले में हुड्डा ने नए साक्ष्य रखे। इनका विश्लेषण करने के बाद एमसीआइ ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन को एक पत्र भेजा। जिसमें कहा गया कि मामला गंभीर है और इसकी जांच कई एजेंसियों से कराई जानी चाहिए लेकिन यह एमसीआइ के अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है।
साथ ही एमसीआइ ने यह उल्लेख भी किया कि किस तरह चार मेडिकल कॉलेजों ने प्रवेश लेने में नियमों का पालन नहीं किया। इस संबंध में याचिकाकर्ता ने कहा कि इस जांच से सब कुछ साफ हो जाएगा। साथ ही शैक्षणिक वर्ष 2015-16 में निजी मेडिकल कॉलेजों में 1,900 वास्तविक छात्रों को प्रवेश से वंचित करने वालों को दंड मिलेगा।