नई दिल्ली: भारत और रूस पहली बार डिग्री और डिप्लोमा की मान्यता के लिए समझौता करने जा रहे हैं। दोनों देशों के संसदीय मैत्री समूह इसके लिए बिंदुवार चर्चा कर रहे हैं। यह बात रूसी संसदीय दल का नेतृत्व कर रहीं एलेना फानासेवा ने कही है। यह दल पांच फरवरी को तीन दिवसीय भारत दौरे पर आया था।
बहुत से ऐसे भारतीय जो खासतौर से मेडिकल की पढ़ाई करने रूस जाते हैं- उनका भविष्य दोनों देशों के बीच डिग्री और डिप्लोमा की मान्यता को लेकर कोई समझौता न होने से प्रभावित हो जाता है। इसके लिए दोनों देश पिछले कई साल से बातचीत कर रहे हैं लेकिन इसे समझौते का रूप नहीं दिया जा सका। अब दोनों देशों की सरकारों के प्रतिनिधि मसौदे पर बिंदुवार चर्चा कर रहे हैं जिससे समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके।
एलेना ने कहा, समझौते के जरिये हम दोनों देशों की सरकारों से अनुरोध करेंगे कि वे एक-दूसरे के पाठ्यक्रमों (खासतौर से चिकित्सा क्षेत्र के) को स्वीकार करने की घोषणा करें। एलेना ने बताया कि सोवियत संघ के जमाने में भारत के साथ उसका इस तरह का एक समझौता था लेकिन उसके विघटन के बाद रूस के साथ भारत का कोई समझौता नहीं हो पाया है। एलेना ने बताया कि करीब 9,500 भारतीय छात्र इस समय रूस में पढ़ रहे हैं। इनमें से करीब एक सौ छात्र रूसी सरकार के खर्च पर पढ़ाई कर रहे हैं।