नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में दिए बयान पर पलटवार किया है। साथ ही कहा कि बेहतर होगा कि पाकिस्तान अपने देश की चुनौतियों पर ध्यान दे। वह अपने देश का ध्यान भटकाने की कोशिश न करे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का बयान भारत के सभी नागरिकों का अपमान है। उन्होंने एक बार फिर जता दिया है कि उन्हें भारत की सेकुलर नीति और परंपराओं की कितनी कम समझ है। वह भारत के प्रगतिशील संविधान और लोकतांत्रिक नीतियों के तहत सभी मान्यताओं के लोगों के एक साथ भारत में रहने के तथ्यों को भूल जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत ने यह प्रहार तब किया है जब मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनकी सरकार अपने देश के अल्पसंख्यकों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनकर नहीं रहने देंगे जैसे कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ होता है।
कुमार ने कहा कि भारत के सभी बड़े नेता सभी धर्मों के हैं। इसके उलट पाकिस्तान में गैर-इस्लामी पाकिस्तानी नागरिकों को कभी भी बड़े संवैधानिक पदों पर नहीं आने दिया जाता है। यहां तक कि ‘नया पाकिस्तान’ में अल्पसंख्यकों को सरकारी निकायों जैसे पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद से निकाल दिया जाता है।