20 तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि में सांवलिया पार्श्वनाथ की प्रतिष्ठा 3 मार्च को
मुंबई। मुंबई की विभिन्न सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के हजारों जैन श्रद्धालु सम्मेत शिखरजी सांवलिया पार्श्वनाथ भगवान के अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होंगे। जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण स्थल शिखरजी में होनेवाले इस समारोह में मुंबई के सभी प्रमुख जैन संघों, जैन ट्रस्टों एवं जैन संस्थाओं को इस समारोह में आमंत्रित किया गया है। शिखरजी तीर्थ पर सांवलिया पार्श्वनाथ भगवान मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव 3 मार्च को होना है। सम्मेत शिखरजी में सांवलिया पार्श्वनाथ मंदिर को श्वेतांबर जैनों के सर्वाधिक प्राचीनतम मंदिर के रूप में माना जाता है।
मुंबई, विरार, ठाणे, पालघर, पनवेल, नवी मुंबई आदि के सभी जैन संघों में इस प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर काफी उत्साह है। जीरावला के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मुबई से जैन संघों को प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए आमंत्रित किया गया है। जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि शिखरजी में इस प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। गच्छाधिपति आचार्य श्रीराजशेखर सूरीश्वर महाराज की निश्रा में हो रहे इस अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव में कई प्रमुख आचार्य एवं साधु-साध्वी भगवंत भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे। प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के अध्यक्ष कमलसिंह रामपुरिया एवं संयोजक रमेश मुथा के मुताबिक दुनिया के कई देशों से लाखों श्रद्धालू इस महोत्सव में पहुंचेंगे। महोत्सव के सह संयोजक अजय बोथरा एवं प्रकाश के संघवी ने समस्त जैन संघों से प्रतिष्ठा महोत्सव में सहभागी होने की अपील की हैं। आचार्य जिनपियूषसागर सूरीश्वर महाराज के मार्गदर्शन में इस तीर्थ का जिर्णोद्धार संपन्न हुआ है। महोत्सव की तैयारियां जोर शोर से चल रही है।