जलगांव। आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी के पावन सानिध्य में तपोनिष्ठ श्राविका शारदादेवी पुगलिया के दसवे मासखमण का अभिनंदन समारोह सानंद संपन्न हुआ। शीतकाल के इस शरद मौसम में श्राविका शारदादेवी ने तप का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। दसवें वर्षीतप मे उनका यह मासखमण दसवां है,यह प्रलम्ब तप आत्म बल का द्योतक है।
शारदा बाई ने हमारे जलगांव आगमन पर यह ऐसा उपहार दिया है जो सबके लिए संभव नहीं है यह उद्गार विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने इस अवसर पर व्यक्त किए। साध्वीश्री जी ने कहा व्यक्ति एक हार भी अगर कोई पहनता है तो बड़ी खुशी होती है पर शारदा बाई ने तो मानो 108 लड़ा हार पहना है। यह तपस्या अंतरंग और बहिरंग दोनों प्रकार की निर्जरा का हेतू बनती है। प्रबुद्ध वक्ता साध्वीश्री योगक्षेमप्रभा जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि तेरापंथ धर्म संघ में तपस्या का गौरवपूर्ण इतिहास है।
तपस्वी, महातपस्वी, दिव्य तपस्वी मुनि साध्वियो ने इस शासन की नींवो को सिंचा है। श्राविका का तप अनुकरणीय है ।इस कड़ी में तपोनिष्ठ श्राविका शारदा बाई का तप अनुमोदनीय है।जिस सहजता और सरलता से वे तप में प्रवृत्त है, वह सराहनीय है।इस अवसर पर साध्वी वृंद ने समवेत स्वरों में तपस्या के अनुमोदन में स्वर लहरी प्रस्तुत की। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष मानिकचंद जी बॆद ने अपनी छोटी बहन के प्रति मंगल भावना करते हुए तपगीत प्रस्तुत किया।सकल जैन जलगांव के अध्यक्ष दलीचंदजी जॆन ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह मेरा विशेष सौभाग्य है की मुझे साध्वीश्री निर्वाणश्री जी के दर्शन का सौभाग्य मिला व मासखमण तपधारी का भी दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हुआ।खान्देश सभा के अध्यक्ष अनिल सांखला, तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री निर्मला छाजेड़,टीपीएफ के उमेश सेठिया ने अपनी अनुमोदना व्यक्त की। सभा की ओर से राजकुमार जी सेठिया ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया।अभिनंदन के क्रम में तपस्वी श्रावक शुभकरण जी बॆद, सरला सेठिया, तेरापंथ महिला मंडल की बहनों एवं पुगलिया व बॆद परिवार की बहनों ने तपगीतों का संगान किया।
श्रीमती मीनाक्षी बॆद ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी।जितेंद्र छाजेड ने तपस्या के संदर्भ में गीत की प्रस्तुति दी तेरापंथ महिला मंडल की ओर से भी तपोनिष्ठ श्राविका का तप अभिनंदन पत्र उपह्त किया गया जिसने वरिष्ठ व कार्य समिति की बहनों ने भेंट किया। तेरापंथ सभा की ओर से अभिनंदन पत्र समर्पित किया गया मंच संचालन श्री ठाकरमल जी सेठिया ने कुशलता पूर्वक किया। इस अवसर पर सकल जैन समाज की ओर से माल्यार्पण कर तपोनिष्ठ श्राविका को सम्मानित किया गया।
तपोनिष्ठ श्राविका शारदा देवी पुगलिया के दसवें वर्षीतप में दसवां मासखमण तप का अभिनंदन एवं अनुमोदना
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