नई दिल्ली:अमेरिका में इलाज करा रहे अरुण जेटली ने निकाह-हलाला पर एक बेहद तीखा ब्लॉग लिखा है। कांग्रेस ने अल्पसंख्यक अधिवेशन में ऐलान किया था कि सरकार बनने के बाद तीन तलाक कानून को खत्म किया जाएगा। ठीक उसी दिन देश से मीलों दूर बीमार जेटली ने तीन तलाक और निकाह-हलाला पर ब्लॉग में चिंता उठाई। उन्होंने बरेली में हुई निकाह-हलाला की एक घटना को देश के विवेक को झकझोरने वाला बताया। उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर करारा पलटवार करते हुए इसे राजनीतिक अवसरवादिता करार दिया।
सामूहिक विवेक को झकझोरने की घटना है निकाह-हलाला
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो सामूहिक विवेक को जगा देती हैं और फिर समाज में सुधार के लिए जबरदस्त हलचल देखने को मिलती है। पर्सनल लॉ के नाम पर कुरीतियों को आगे बढ़ाने की प्रवृति पर हमला बोलते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने लिखा, ‘पर्सनल लॉ के नाम पर अन्याय को बढ़ावा देनेवाली ऐसी घटनाएं बहुत आम हैं। कई समुदाय ने पिछले एक दशक में अपने पर्सनल लॉ में प्रगति के लिए बड़े बदलाव किए हैं। सदियों तक कुछ रूढ़िवादी और अन्यायपूर्ण प्रथाएं देश में चलती रहीं, लेकिन उन्हें खत्म किया गया। सती और अस्पृश्यता जैसी प्रथाएं आज असंवैधानिक हैं।’
बरेली की घटना का किया ब्लॉग में जिक्र
निकाह-हलाला की इस घटना के बारे में उन्होंने लिखा, ‘बरेली से हाल ही में निकाह-हलाला का ऐसा केस आया है जिसने मेरी अंर्तचेतना को झकझोर दिया। इस्लामिक पर्सनल लॉ में मौजूद निकाह-हलाला की प्रथा कितनी रूढ़िवादी है, यह सोचने की जरूरत है। 2009 में एक महिला की शादी हुई और तीन तलाक के जरिए 2011 और 2017 में उसे तलाक दिया गया। महिला को फिर अपनाने के लिए उसे 2 बार निकाह-हलाला की प्रथा से गुजरना पड़ा। पहली बार अपने ससुर के साथ और दूसरी बार अपने पति के भाई के साथ। दोनों ने ही महिला का बलात्कार किया। इसी तरह का एक केस पीटीआई ने 2 सितंबर 2018 को उत्तर प्रदेश के संभल जिले से रिपोर्ट किया था।’
‘लोकतांत्रिक देश में यह शर्म से गड़ जाने का विषय’
जेटली ने इस घटना को बेहद शर्मनाक बताते हुए मार्मिक टिप्पणी की। उन्होंने लिखा, ’21वीं सदी में विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में किसी महिला की गरिमा के साथ ऐसा खिलवाड़ हर शख्स के लिए शर्म से गड़ जाने की बात है। बरेली की इस महिला का बलात्कार उसके ही परिवार के 2 पुरुषों ने किया और फिर दोनों ने महिला को तीन तलाक दिया। अगर भारत में ट्रिपल तलाक एक आपराधिक कृत्य होता तो क्या महिला के सम्मान के साथ ऐसा खिलवाड़ हो सकता था? बरेली की इस महिला के साथ जानवरों से भी अधिक बुरा बर्ताव हुआ है।’
राहुल गांधी को दी पिता की गलती से सीखने की नसीहत
कांग्रेस के अल्पसंख्यक अधिवेशन में ट्रिपल तलाक को खत्म करने के ऐलान पर जेटली ने जबरदस्त हमला किया। अपनी पैनी लेखनी से उन्होंने जमकर वार किए। जेटली ने लिखा, ‘दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस और राहुल गांधी ट्रिपल तलाक के लंबित बिल को सरकार बनने पर वापस लाने की बात कर रही है। इतिहास खुद को दोहरा रहा है, ऐसी ही गलती राजीव गांधी ने शाह बानो के केस में की थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटकर राजीव गांधी ने शाह बानो को त्रासदी और शोषण के गर्त में ढकेल दिया, 32 साल बाद उनके पुत्र भी मुस्लिम महिलाओं को यातना के शिविर में लौटाना चाहते हैं।’
‘वोट जरूरी हैं, लेकिन मानवीयता भी जरूरी है’
अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि वोट तो जरूरी है ही, लेकिन निष्पक्षता उससे भी अधिक जरूरी है। विरोधियों की कटु आलोचना करते हुए बीजेपी के दिग्गज नेता ने ब्लॉग का अंत गंभीर संदेश के साथ कांग्रेस पर तीखे वार के साथ किया, ‘राजनीति के अवसरवादी अगले दिन की हेडलाइन पर नजर रखते हैं। देश के निर्माता अगली सदी पर नजर रखते हैं।’
पिता की गलती दोहरा रहे राहुल गांधी :अरुण जेटली
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