मुंबई: मुंबई में हुए आतंकी हमले के मामले में एक स्थानीय अदालत ने पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारियों मेजर अब्दुल रहमान पाशा और मेजर इकबाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। मेजर पाशा रिटायर हो गया है। जबकि, मेजर इकबाल अभी भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ में कार्यरत है। आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के अमेरिका निवासी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली की गवाही के आधार पर इन दोनों को आरोपित किया गया है। हेडली सरकारी गवाह बन गया है।
मेजर पाशा और मेजर इकबाल के खिलाफ वारंट
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा इस मामले में दाखिल आरोप पत्र में मेजर पाशा और मेजर इकबाल को वांछित अपराधी बताया गया है। सत्र अदालत ने जारी किया वारंट इस मामले में लश्कर के आतंकी सैयद जमीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के खिलाफ सुनवाई कर रही अपर सत्र न्यायाधीश एसवी यरलगड्डा की अदालत में विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकाम ने एक आवेदन दिया था। निकाम ने कहा था कि इस मामले की साजिश रचने के मामले में पूछताछ के दौरान हेडली ने इन दोनों पाकिस्तानी अधिकारियों के नाम लिए थे।
हेडली ने लिया था दोनों का नाम
वर्तमान में अमेरिका की जेल में बंद हेडली की गवाही 2016 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई थी। 26 नवंबर, 2008 को हुआ था हमला निकाम ने बताया कि हेडली के बयान से भारत के इस रूख की पुष्टि होती है कि 26 नवंबर, 2008 को हुए हमले को न सिर्फ पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था, बल्कि उसे पाकिस्तानी सेना का भी पूरा समर्थन मिला था।
6 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
अपर सत्र न्यायाधीश ने क्राइम ब्रांच द्वारा दायर पूरक चार्जशीट के अवलोकन और निकाम के जिरह के बाद आवेदन को स्वीकार करते हुए दोनों पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।
साजिशकर्ताओं में था लखवी
हेडली ने अपने बयान में कहा था कि मुंबई में आतंकी हमले के दौरान निशाना बनाए जाने वाली जगहों को चिन्हित करने के लिए हुए बैठक में लश्कर आतंकी साजीद मीर, अबू काहफा और जकी उर रहमान लखवी भी मौजूद था। हेडली ने यह भी बताया था कि रेकी और अन्य आतंकी गतिविधियों के लिए उसे पाशा और इकबाल से पैसे भी मिले थे।
हमले में गई थी 166 लोगों की जान
आपको बता दें कि समुद्र के रास्ते में मुंबई में घुसे 10 आतंकवादियों ने होटल, वीटी रेलवे स्टेशन और अस्पताल समेत कई जगहों पर हमले किए थे, जिसमें 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था। सुरक्षा बलों ने नौ आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था, जबकि आतंकी अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में उसे फांसी दे दी गई थी।