कांदिवली। दिव्य दिनकर मणि आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी व शासन श्री साध्वी श्री सोमलता जी के सांनिध्य में किशोर मंडल द्वारा आयोजित व्यक्तित्व विकास कार्यशाला में दहिसर , बोरीवली, कांदिवली , मालाड , जोगेश्वरी, गोरेगांव , सांताक्रुज, अंधेरी , बांद्रा इत्यादि क्षत्रो के किशोर ने भाग लिया ।किशोर मंडल मलाड संयोजक चिराग सोनी ने स्वागत भाषण दिया। किशोर मंडल की टीम ने लक्ष्य है ऊँचा हमारा ” गीत का संगान किया। लाइट , कैमरा, एक्शन के बारे में बताते हुए उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमलकुमार जी स्वामी ने ओजपूर्ण वाणी में कहा – किशोरों में विनय , विवेक, सहिष्णुता , सरलता के गुण जरूरी है। आवेश और आवेग जीवन को बर्बाद कर देते है। शांत स्वभाव व प्रतिक्रिया से मुक्त होकर प्रत्येक कार्य को करने वाला ही जीवन को स्वर्णिम बना सकता है। आपने व्यसन मुक्त जीवन जीने की प्रेरणा देते हुए। किशोरों को सात्विक, मिताहार करने के साथ आध्यात्मिक जीवन जीने के सूत्र भी बताये।
शासन श्री साध्वी सोमलता जी ने उत्साहित युवक का प्रसंग बताते हुए मधुर वाणी में कहा जीवन की चार अवस्थाएँ है- बचपन , किशोर, यौवन, प्रौढ़वस्था। किशोर अवस्था में ही हर इन्सान अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करता है। उस लक्ष्य के अनुसार अपने कदम को बढ़ाने वाला लक्षित मंजिल को प्राप्त कर लेता है। आपने कहा लक्षित मंजिल को पाने के लिए फौलादी संकल्प करना जरुरी है। अनुशासित जीवन जीना है। आपने यह भी कहा -ट्रिपल एच यानि दिमाग, दिल, और हाथ को पवित्र रखकर ही भीतरी शक्तियों को जागृत कर सकते है। वैचारिक प्रदूषणों से मुक्त होकर ही जीवन को आनंदमय बना सकते है।
मुख्य वक्ता जैन विश्व भारती डीम्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर वीणा जैन ने कहा किशोरों को खिलाडी की तरह जीना चाहिए क्योकि खेल हमे संतुलित रहना सिखाते है। साध्वी जागृत प्रभा जी ने अनुप्रेक्षा करवाई। अंश कोठारी , चिराग पामेचा, विनीत बोथरा, अभिषेक चपलोत, गौतम चपलोत, यश इंटोदिया, वैभव चोरडिया, भावेश कोठारी ने मधुर गीत का संगान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ किशोर मंडल के कार्यकर्त्ता हर्ष कोठारी , मयंकमयंक चोरडिया, प्रांजल मोथा, हार्दिक कोठारी, हर्ष कोठारी, मीत कोठारी, पीयूष सांखला, संयम सांखला, ऋषभ धाकड़, ऋषि धाकड़, योक्षम धाकड़, प्रतीक राठौड़, चिराग़ सोनी की विशेष उपस्थिति रही। कार्यक्रम का कुशल संचालन भावेश कोठारी ने किया।
कांदिवली में किशोर व्यक्तित्व विकास कार्यशाला
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