एक नए शोध के मुताबिक बुजुर्ग लोग, जो कम गहरी नींद लेते हैं, जिनके मस्तिष्क में ताऊ प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। यह पहचान क्षमता में गिरावट और अल्जाइमर रोग का संकेत है। अमेरिका स्थित ‘वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा कि गहरी नींद लेने वाले लोगों की याददाश्त मजबूत होती है और सोकर उठने के बाद वे तरोताज़ा महसूस करते हैं।
‘साइंस ट्रांसलेशन मेडिसिन नामक पत्रिका में छपी इस शोध के मुताबिक जीवनकाल के उत्तरार्ध में पूरी नींद नहीं ले पाना मस्तिष्क स्वास्थ्य में गिरावट का एक बड़ा संकेत हो सकता है। वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के सहायक प्राध्यापक ब्रेंडन लूसी ने कहा, ”क्या दिलचस्प बात है कि हमने लोगों में गहरी नींद में गिरावट और ताऊ प्रोटीन की अधिकता के बीच के व्युत्क्रमानुपाती संबंध को देखा, जो या तो संज्ञानात्मक रूप से सामान्य थे या मामूली रूप से अस्वस्थ थे, जिसका अर्थ है कि कम गहरी नींद लेना सामान्य और खराब मानसिक स्थिति के बीच संकेत का काम कर सकता है।
लूसी ने कहा कि हमने यह देखा कि लोगों में नींद की वजह से कैसे उनमें याददाश्त संबंधी समस्याएं होने लगती है और गैर-जिम्मेदार तरीके से अल्जाइमर रोग से ग्रसित हो जाते हैं।