पहली बार बतौर निर्माता ‘ चीट इंडिया ‘ फ़िल्म लेकर आ रहें हैं अभिनेता इमरान हाशमी । सौमिक सेन निर्देशित इस फ़िल्म के जरिये भारत की शिक्षा प्रणाली के दोषों को उजागर किया गया है । भारत में शिक्षा व्यवस्था की शुरूआत अंग्रेजी शासनकाल से हुआ है । अंग्रेज भारतीयों को शिक्षित करने का प्रयास करते थे, वे अंग्रेजी शिक्षा भी देते थे पर उनका मक़सद केवल भारतीयों को गुलाम बनाने वाली शिक्षा नीति से था और यही नीति अभी तक चली आ रही है इसमें ज्यादा बदलाव नहीं आया है।आजादी के बाद कई शिक्षा नीतियां बनी पर वे उन्ही पुरानी नींव पर ही सजी थी । महात्मा गांधी ने अपनी बुनियादी शिक्षा प्रारंभ की ताकी भारतीय जनता शिक्षित होने के साथ आर्थिक रूप से भी इस शिक्षा से सम्पन्न हो सके पर उनका यह प्रयास सफल नहीं हो सका। कई कमीशन और राष्ट्रीय नीतियां आयी पर अधिक बदलाव शिक्षा की दिशा में न ला सकी। केवल महिला शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा तथा शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधा देने में कामयाब रहीं पर अंग्रेजी शिक्षा नीति के मूल को नहीं बदला । यह शिक्षा केवल शिक्षित करती है पर आर्थिक और सामाजिक स्तर को उत्थान पर नहीं पहुँचती। अभी विद्यार्थी केवल रट कर , नकलकर या पास होने के हथकंडे अपना आगे बढ़ता है पर ज्ञान शून्य रहता है। वहीं अथक प्रयास के बाद भी योग्य विद्यार्थी पीछे रह जाता है। यदि योग्य व्यक्ति पद पर न हो तो राष्ट्र कैसे आगे बढ़ेगा रुकावटें हर मार्ग पर राह रोकेंगी।
इसी गंभीर मुद्दे पर ‘ चीट इंडिया ‘ फ़िल्म बनी है जो हमारी शिक्षा के दोषों को बतलाएगी ताकी इस ओर भी दर्शकों का ध्यान जाए और सुधार संभव हो सके।
इमरान हाशमी ने बताया कि इस फ़िल्म के सब्जेक्ट देख वह बतौर कलाकार ही नहीं प्रोड्यूसर के तौर पर इस फ़िल्म से जुड़े। इस फ़िल्म में उनका चरित्र विरोधात्मक है पर वास्त्विकता दिखलायेगा ।
फ़िल्म के गाने भी सिचुएशनल हैं और गुरु रंधावा का भी एक गीत है जो दर्शकों को पसंद आ रहा है । फ़िल्म की अभिनेत्री श्रेया धन्वन्तरि है यह उनकी पहली फ़िल्म है , इसमें वह एक माध्यम वर्गीय लड़की है जो पढ़ाई के साथ काम भी करती है। श्रेया इस फ़िल्म को लेकर उत्साहित है । श्रेया मिडिल ईस्ट की रहने वाली है, चार साल की उम्र से ही उन्होंने अभिनय की शुरुआत कर ली थी । मॉडलिंग में सक्रिय श्रेया ने कई विज्ञापनों में काम भी किया है ।
– गायत्री साहू