वाशिंगटन:पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ लीक हुए एक वीडियो में कथित तौर पर फिर से सत्ता हासिल करने के लिए अमेरिका से गुप्त समर्थन मांगते दिखे हैं। इसके साथ ही वह अमेरिकी सांसदों को यह बताते हुए सुनाई दे रहे हैं कि वह इस बात से शर्मिंदा थे कि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का रवैया उपेक्षापूर्ण रहा था।
हालांकि, अभी यह नहीं पता चल सका है कि यह वीडियो कब बनाया गया। पाकिस्तान के असंतुष्ट स्तंभकार गुल बुखारी ने इस वीडियो को पोस्ट किया है। वीडियो में दिख रहा है कि आत्म निर्वासित जीवन जी रहे पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि वह सोचते हैं कि आईएसआई की उपेक्षा माफ करने लायक थी क्योंकि सीआईए का भी 9/11 हमले पर इसी स्तर का उपेक्षापूर्ण व्यवहार था। 75 वर्षीय सेवानिवृत्त जनरल मुशर्रफ महाभियोग से बचने के लिए इस्तीफा देने से पहले 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे।
गुप्त तरीके से मेरा समर्थन किया जाए
मुशर्रफ लीक हुई वीडियो में अमेरिकी सांसदों से कहते सुनाई दे रहे हैं कि मैं बस यह कह रहा हूं कि मेरी पहले से विश्वसनीयता है। मुझे फिर से सत्ता में आने की जरुरत है और मेरा समर्थन किया जाना चाहिए। खुल्लमखुल्ला नहीं बल्कि गुप्त तरीके से।
अमेरिका के पैसे से पाक ने गरीबी कम की
मुशर्रफ ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए अमेरिका द्वारा दी धनराशि का इस्तेमाल गरीबी को 34 प्रतिशत से 17 प्रतिशत पर लाने के लिए किया। पहली वीडियो क्लिप में वह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के कोरिडोर में चलते हुए दिख रहे हैं। ऐसा लगता है कि यह वीडियो क्लिप 2012 की है।
देशद्रोह का मुकदमा
पूर्व सैन्य प्रमुख मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं। वह सुरक्षा और स्वास्थ्य वजहों का हवाला देते हुए देश छोड़कर गए और तब से वापस नहीं लौटे। वह 2007 में संविधान को भंग करने के लिए देशद्रोह के मुकदमे का सामना कर रहे हैं।