संतोष साहू/सुरभि सलोनी।।
रोहित शेट्टी की बहुप्रतीक्षित फिल्म सिंबा थिएटर में दस्तक दे चुकी है। रणवीर सिंह और सारा अली खान स्टारर यह फिल्म रोहित शेट्टी की सिंघम से ही मेल खाती है लेकिन एक तरफ जहां सिंघम को ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर दिखाया गया है वहीं सिंबा को घुसखोर दिखाया गया है। लेकिन फिर भी सिंबा एक भावुक इंसान होता है और हर बात को मजाकिया अंदाज के साथ साथ बोलता है। यह फिल्म थोड़ी अलग है क्योंकि इसमें एक संदेश भी छिपा है, जिसे देखकर दर्शक तालियां जरूर बजाएंगे। फिल्म देश की एक बड़ी समस्या को भी इंगित करती है।
कहानी कुछ इस प्रकार हैः महाराष्ट्र के आखिरी छोर गोवा के समीप बसे एक छोटे से गांव शिवगढ़, जहां से सिंघम ने अपनी यात्रा शुरू की थी, उसी गांव का एक अनाथ बच्चा संग्राम भालेराव गलत तरीके से पैसे कमाकर बड़ा आदमी बनना चाहता है। लेकिन जब वह पुलिस को घूस लेते हुए देखता है तो उसके दिमाग में यह बात बैठ जाती है कि ज्यादा पैसा कमाने के लिए पुलिस बनना पड़ेगा। वह नाइट क्लास के जरिए पढ़ाई करता है और आगे चलकर पुलिसवाला बन जाता है, लेकिन घुसखोर। उसकी पोस्टिंग गोवा के मीरामार पुलिस स्टेशन में होती है, जहां दुर्वा रानाडे का साम्राज्य होता है। सिंबा खुद एक करप्ट पुलिस इंस्पेक्टर होकर दुर्वा के खिलाफ जाकर क्या मासूम बेगुनाहों का साथ दे पाता है? यह जानने के लिए आपको एक बार सिनेमाघर में जाना ही पड़ेगा। लेकिन हां, इस मजेदार सिनेमा को देखने के बाद आपका पैसा वसूल हो जाएगा।
निर्देशनः रोहित शेट्टी का निर्देशन निःसंदेह हर फिल्मों में लाजवाब रहती है। उन्हें दर्शकों का नब्ज पकड़ना बखूबी आता है। मसाला फिल्म के रूप में इस बार भी वे एक्शन, इमोशन, फनी डॉयलॉग्स के जरिए अपने पात्र सिंबा को परदे पर बखूबी उतारने में कामयाब हुए हैं। भले ही उनकी इस फिल्म में कारें उड़ती नजर नहीं आई हों, बावजूद इसके एक्शन में कोई कमी नजर नहीं आई। रोहित ने सारे कलाकारों से बेहतरीन काम निकाला है। लोकेशन का चुनाव भी जबरदस्त है। संगीत के मामले में रोहित थोड़ा कमजोर पड़ गए।
एक्टिंगः फिल्म में मुख्य किरदार रणवीर सिंह ने जोरदार एक्टिंग की है। जहां, जैसी जरूरत पड़ी शानदार एक्सप्रेशन के साथ उन्होंने बखूबी खुद को ढाल लिया है। उन्हें इस तरह अभिनय करते देख बर्बस राउडी राठौड़ के अक्षय कुमार व दबंग के सलमान याद आ जाती है। सारा अली खान को करने के लिए मुश्किल से कुछ सीन मिले हैं, जिसमें वह अच्छी लगी हैं। आसुतोष राणा ने हमेशा की तरह अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है। मराठी एक्टर सिद्धार्थ जाधव ने रोहित की गोलमाल में बेहतर कॉमेडी तो किए ही थे, इस फिल्म में वे एक कदम आगे बढ़कर अपनी भूमिका से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब हुए हैं। रही बात फिल्म के विलेन सोनू सूद की तो रोहित ने उनके किरदार को कमजोर नहीं होने दिया है। और उनके पक्ष को भी मजबूती के साथ परदे पर पेश किया है। सोनू सूद दुर्वा रानाडे की भूमिका में खूब जमे हैं। बाकी कलाकारों ने भी अच्छी एक्टिंग की है।
इस फिल्म को सुरभि सलोनी ऑनलाइन की तरफ से मिलते हैं साढ़े 3 स्टार।
फिल्म रिव्यूः ‘सिंबा’-परिवार के साथ देखें, इंटरटेनमेंट के साथ संदेश भी है इसमें
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