पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार की भारी गिरावट के चलते 1 अरब डॉलर या उससे अधिक बाजार पूंजीकरण (MCap) वाली कंपनियों की संख्या 618 से घटकर 500 रह गई हैं।यह गिरावट विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की निरंतर बिकवाली, कंपनियों के ऊंचे मूल्यांकन और मुनाफे में नरमी के कारण आई हैं। बाजार में अचानक आई इस गिरावट से निवेशकों में घबराहट देखी जा रही हैं, लेकिन सवाल यह हैं कि क्या वास्तव में यह गिरावट कंपनियों की असली वैल्यू में कमी को दर्शाती हैं या यह केवल बाजार के मूड और मांग-आपूर्ति के खेल का नतीजा हैं?
मान लीजिए किसी कंपनी के कुल 1 करोड़ शेयर हैं, जिनमें से 90% प्रमोटर्स के पास हैं और सिर्फ 10% यानी 10 लाख शेयर बाजार में उपलब्ध हैं। जब बाजार में तेजी होती हैं और निवेशक इन्हीं 10 लाख शेयरों को खरीदने के लिए टूट पड़ते हैं, तो शेयरों की कीमत कई गुना बढ़ जाती हैं। इससे कंपनी का बाजार पूंजीकरण भी तेजी से ऊपर चला जाता हैं, लेकिन क्या इससे कंपनी की असल वैल्यू बढ़ती है? या यह केवल उस 10% फ्लोटिंग स्टॉक की ऊंची मांग का नतीजा होता हैं?
अब इसका उलटा उदाहरण लेते हैं। जब बाजार में गिरावट आती हैं, तो वही 10 लाख शेयर बिकवाली के दबाव में आकर नीचे गिर जाते हैं। इससे कंपनी का बाजार पूंजीकरण कम हो जाता हैं और वह टॉप 600 कंपनियों की सूची से बाहर होकर 500 के नीचे आ जाती हैं, लेकिन क्या इस गिरावट का मतलब यह हैं कि कंपनी की असल वैल्यू खत्म हो गई? क्या उसकी फैक्ट्री बंद हो गई? क्या उसके उत्पाद बिकने बंद हो गए?
निवेशकों के लिए यह समझना जरूरी हैं कि किसी कंपनी का असली मूल्यांकन उसके उत्पादों की बिक्री, मुनाफे और उसके व्यवसाय की स्थिरता से होता हैं, न कि केवल बाजार में शेयरों की मांग और आपूर्ति से। बाजार पूंजीकरण एक आंकड़ा मात्र हैं, जो बाजार की धारणा पर निर्भर करता हैं।लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए सही प्रश्न यह होना चाहिए—क्या मैं किसी कंपनी में उसके वास्तविक मूल्यांकन के आधार पर निवेश कर रहा हूं, या केवल बाजार के उतार-चढ़ाव के बहाव में बह रहा हूं?
आज जब बाजार में गिरावट का दौर चल रहा हैं, तो क्या यह आपके लिए डरने का समय हैं या अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करने और मजबूत कंपनियों में निवेश बढ़ाने का अवसर? क्या आप सिर्फ इस डर से बिकवाली कर रहे हैं कि बाजार गिर रहा हैं या आप समझदारी से देख रहे हैं कि कौन-सी कंपनियां इस गिरावट के बाद मजबूत होकर उभरेंगी? शेयर बाजार में असली खेल धैर्य और समझदारी का हैं—क्या आप इस खेल को सही तरीके से खेल रहे हैं?
शेयर बाजार का खेल: आंकड़ों का भ्रम या असली मूल्यांकन?

Leave a comment
Leave a comment