सोनू सूद अभिनीत फिल्म फतेह सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म में एक्शन, खून खराबा के अलावा जिस पर सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित कराती है वह है सायबर फ्रॉड। फिल्म बताती है कि किस तरह सायबर फ्रॉड ने पूरे देश को अपने चपेट में लेकर आम लोगों की दुनिया तबाह कर रहा है।
डिजिटल अरेस्ट तथा एप के जरिए लोन सहित तमाम साइबर अपराधों का जो चलन आजकल बढ़ रहा है, उससे अगाह करती इस फिल्म को गंभीरता से ली जानी चाहिए। हालांकि इस तरह की और इससे ज्यादा अच्छी फिल्में साउथ में काफी पहले बन चुकी हैं और उनका हिंदी डब भी उपलब्ध है। बावजूद इसके सोनू सूद की यह फिल्म इस समय काफी सामयिक है। सोनू सूद और जैकलीन फर्नांडीज की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म के लेखक तथा निर्माता, निर्देशक भी सोनू सूद ही हैं।
कहानीः फिल्म की कहानी पंजाब के एक गांव मोगा से शुरू होती है, जहां लोग ऑनलाइन कर्ज के जाल में फंसकर आत्महत्या करने को मजबूर हो चुके हैं। वहीं फतेह (सोनू सूद) अपना डेयरी का कारोबार करता है और सबकी मदद भी करता रहता है। पड़ोस की लड़की निमरत (शिवज्योति राजपूत), जो कि सोनू सूद का ख्याल रखती है। वह लोगों को लोन दिलाने का कार्य करती है लेकिन उसे नहीं पता होता है कि यह सब इतना खतरनाक हो चुका है। इसी दौरान गांव का एक व्यक्ति लोन के चक्कर में ही आत्महत्या कर लेता है, उसे भी यह लोन निमरत ने ही दिलावाया होता है। इसके बाद निमरत दिल्ली जाती है और उन अपराधियों के चंगुल में फंस जाती है।
निमरत को वापस लाने के लिए फतेह दिल्ली जाता है जहां उसकी मुलाकात खुशी शर्मा (जैकलीन फर्नांडीज) से होती है। खुशी भी एक हैकर है जो सोनू सूद का साथ देती है। यहां आकर फतेह इन हैकर्स के जाल में फंस जाता है।
अब वहां से फतेह कैसे बाहर निकलता है? क्या वह निमरत को बचा पाता है? खुशी कैसे उसका साथ देती है, यह सब देखना दिलचस्प है। फिल्म में सोनू सूद का एक्शन। खून खराबा और मुख्य रूप से सायबर के जाल को समझने के लिए फिल्म ‘फतेह’ को देखी जानी चाहिए।
अभिनय, डायरेक्शन, संगीतः अभिनय की बात करें तो सोनू सूद, जैकलीन फर्नांडीज का अभिनय औसत है। फिल्म में उनके अलावा नसीरुद्दीन शाह, विजयराज, दिब्येंदु भट्टाचार्य, शिवज्योति राजपूत के अलावा सपोर्टिंग रोल में बिन्नु ढिल्लों, आकाशदीप, साबिर और प्रकाश बेलावाड़ी आदि सभी अपने किरदारों को अच्छे से निभाया है। सोनू सूद का निर्देशन ठीक ठाक है। यदि संगीत की बात करें तो वह फिल्म के हिसाब औसत है।
फिल्म को सुरभि सलोनी की तरफ से 3 स्टार।