- सद्संस्कारों से करें विद्यार्थियों का जीवन निर्माण “साध्वी प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा”
मुंबई। महाप्रज्ञ विद्यानिधि फाउण्डेशन द्वारा संचालित महाप्रज्ञ पब्लिक स्कूल’ के विद्यार्थी- गण की संगोष्ठी साध्वी श्री प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा जी के सानिध्य में रखी गई। साध्वी श्री ने कहा- एक महामानव महायोगी के अभिधान से जुड़ा यह विद्यालय सौभाग्य शाली है। बौद्धिक और शारीरिक विकास के साथ मानसिक और भावना त्मक स्वस्थ अत्यावश्यक है। ज्ञान के साथ विवेक चेतना जागृत रहे। बाल अवस्था सद्संस्कार प्राप्त करने की है। हर विद्यार्थी का लक्ष्य उन्नत होना चाहिए। बाल जीवन निर्माण में अभिभावकों एक शिक्षक परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिन सरकारों में इन्हें ढाला जाएगा, ढल जाएंगे।
साध्वी श्री प्रोफेसर मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कित पुस्तकीय ज्ञान के साथ जीवन विज्ञान और प्रेक्षाध्यान के सिद्धान्त और प्रयोग बच्चों के लिए कारगर सिद्ध हो सकतें हैं उन्होंने उपस्थित विद्यालय परिवार को कायोप्सर्ग, मुद्रा, धनि आदि अनेक प्रयोग भी करवाए। साध्वी श्री ने समस्त विद्यार्थियों से डिजिटल डिटोकस अपनाने कि बात कहीं। उन्होंने कहा विद्याचियों को भोजन करते समय, टी.वी, मोबाइल का उपयोग नहीं करना चाहिए। यांत्रिक विकिरण नुकसानदायक होते हैं।
साध्वी श्री की प्रेरणा से उपस्थित विधासियो एवं शिक्षिकाओं ने डिजिटल डिटॉक्स के नियमों को स्वीकार किया इस अवसर पर साध्वी डॉ चैतन्यप्रभा जी ने अपना वक्तव्य में कहा आत्मानुशासन सफलता का राज है। स्कूल प्रिंसिपल एवं स्कूल की प्रशिक्षिकाओं की उपस्थिति रही। प्रशिक्षकाओं ने साध्वी श्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा – आपके प्रेरक विचारों एवं प्रयोगों से हम सभी ने विशेष शक्ति और आनन्द का अनुभव किया है।