मुंबई। महाराष्ट्र के प्रमुख समाजसेवी संगठन “शीतल लोढ़ा फाउंडेशन” द्वारा अपने ‘शिक्षा को समर्थन’ अभियान के अंतर्गत 70 आदिवासी विद्यार्थियों को सौर ऊर्जा से संचालित उपयोगी बस्तों का वितरण कर एक अनुकरणीय पहल की गई है, जिसके फलस्वरूप ये विद्यार्थी अब सूर्यास्त के बाद भी इन सोलर बैगों से मिलने वाली रोशनी के ज़रिये अपनी पढ़ाई बेहतर ढंग से सुनिश्चित कर अपने भविष्य को उज्ज्वल बना पायेंगे।
यह महत्वपूर्ण वितरण समारोह मुंबई के बोरीवली स्थित संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित किया गया, जिसमें निकटवर्ती तुमनीपाड़ा, कोकनीपाड़ा और नवपाड़ा इलाकों के आदिवासी समुदायों के 70 विद्यार्थियों को उनके गाॅंवों में बिजली की कमी से उत्पन्न चुनौतियों से उबरने के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले अनूठे बैग प्रदान कर उन्हें सुविधा सम्पन्न बनाया गया। शीतल लोढ़ा फाउंडेशन की प्रभारी श्रीमती शीतल और श्री अभिनंदन लोढ़ा की सुपुत्री सुश्री यशवी लोढ़ा की अगुवाई में आयोजित इस पहल ने सौर ऊर्जा से चलने वाले बैग वितरित कर यह सुनिश्चित किया गया कि विद्यार्थियों को सूर्यास्त के बाद भी अपनी पढ़ाई और दैनिक गतिविधियों के लिए प्रकाश के एक विश्वसनीय स्रोत तक आसान पहुॅंच मिले। इस समारोह में सुश्री यशवी लोढ़ा के पिता और लोढ़ा वेंचर्स के अध्यक्ष अभिनंदन लोढ़ा और वन विभाग के वनपाल एन.बी. मुथे सहित विभिन्न वन्य अधिकारियों की भी उपस्थिति रही।
समारोह की शुरुआत किशोर बैंड द लकी चार्म्स के जीवंत संगीत प्रदर्शन से हुई, जिसने हिंदी गीतों की सुरीली प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया। वितरण समारोह के बाद समारोह की संयोजिका सुश्री यशवी लोढ़ा ने अपने प्रेरणादायक सम्बोधन में बच्चों को चुनौतियों के बावजूद अपनी शिक्षा लगातार जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस उल्लेखनीय पहल पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि शिक्षा उज्ज्वल भविष्य के मार्ग का एक प्रमुख माध्यम है और हर बच्चे को बिना किसी सीमा के सीखने और बढ़ने का मौका मिलना ही चाहिये। इसलिए सोलर बैग पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य उन छात्रों के लिए मुश्किलों के अंतर को पाटना है, जो बिजली की कमी के कारण विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा से चलने वाले ये बैग केवल पढ़ाई के लिए उपयोगी उपकरण नहीं हैं, बल्कि ये इन सभी छात्रों के लिए आशा, लचीलेपन और सकारात्मक जीवन के प्रकाश का प्रतीक हैं। अपने सम्बोधन के बाद सुश्री यशवी लोढ़ा द्वारा समारोह के मुख्य अतिथि अभिनंदन लोढ़ा और विभिन्न वन्य अधिकारियों के साथ मिलकर सभी उपस्थित 70 विद्यार्थियों को सोलर बैगों का वितरण किया गया। सभी विद्यार्थियों ने इस जीवन -परिवर्तनकारी उपहार के लिए आयोजक संगठन का आभार व्यक्त किया। इस पहल का उद्देश्य इन आदिवासी समुदायों के लिए शिक्षा की प्रमुख बाधाओं में से एक सूर्यास्त के बाद प्रकाश की कमी को दूर करना रहा, जिसे व्यापक स्तर पर सराहा जा रहा है।
शीतल लोढ़ा फाउंडेशन द्वारा 70 आदिवासी विद्यार्थियों को सौर ऊर्जा से संचालित उपयोगी बस्तों का वितरण
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