वाशी। पर्युषण महापर्व के चौथा दिन वाणी संयम दिवस के रूप में – कार्यक्रम तेरापंथ समाज वाशी द्वारा अणुव्रत सभागार वाशी नवी मुंबई में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र से किया गया, मंगलाचरण ज्ञानशाला परिवार वाशी द्वारा किया गया।
युग प्रधान महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी के आध्यात्मिक निर्देशन में उपासक श्रेणी से पर्युषण महापर्व के महान अवसर पर धर्म आराधना कराने के लिए आए हुए प्रवक्ता उपासक श्रीमान दिनेशजी कोठारी दुबई, ने प्रेक्षा ध्यान करवाया एवं मंगल उद्बोधन द्वारा, वाणी संयम दिवस पर बताया कि ऐसी बोली बोलें जो दूसरों को भी शीतलता प्रदान करे और स्वयं को भी शीतल बनाए| फिर श्रोताओं के प्रश्नों का उत्तर दिया और आचार्य सिद्धसेन के बारे में बताते हुए चमत्कारी कल्याण-मंदिर स्तोत्र की महिमा का वर्णन किया| आचार्य सिद्धसेन ने इस स्तोत्र की रचना की तो भगवान पार्श्व की प्रतिमा प्रकट हुई| आगे बताया कि जैसे कीर्तिधर मुनि ने बताया उसी परिस्थिति में राजा अरिदमन की मृत्यु होती है और वे मरकर कूड़े के ढेर में कीड़ा बनते हैं| ऐसा क्यों हुआ ? इस प्रश्न का जवाब कल के प्रवचन में मिलेगा।
श्रीमान जयंतीलालजी बरलोटा थाना ने बहुत विस्तार में समझाया कि कैसे बोलें, कब बोलें, और कितना बोलें| ज़्यादा बोलना भी अनिष्टकारी हो सकता है। एक उदाहरण से बताया कि जीभ ने दांतों से कहा तुम मुझे न चबा लेना, तो दांतों ने जीभ को कहा तुम भी संभल कर बोलना| कभी कुछ ग़लत बोल दिया तो सबसे पहले चोट हमें सहनी पड़ेगी।
उपासक श्रीमान लक्ष्मीलालजी सिंघवी थाना ने एक दोहे के माध्यम से बताया कि ‘कौआ किसी से कुछ लेता नहीं और कोयल किसी को कुछ देती नहीं। कोयल मीठी वाणी बोलकर सब को अपना बना लेती है|’ हार बोलता नहीं उसे गले में धारण करते हैं, पायल आवाज़ करती है उसे पैरों में पहनते हैं। अतः निरवध्य और मधुर भाषा में बोलना चाहिए।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा वाशी अध्यक्ष पंकजजी चंडालिया ने सबका स्वागत किया एवं सूचनाएँ दी | कार्यक्रम की व्यवस्था में विशेष सहयोग तेरापंथ सभा कोपरखैरना मंत्री रमेशजी बाफना मोनिकाजी मेडतवाल तनसुखजी चौरडिया, विनोदजी बाफना, गौतमजी लोढा, सुशीलाजी धोका, कैलाशजी लोढा,पिंकीजी कोठारी, निर्मलाजी सिंघवी रीनाजी गुंदेचा भाग्यश्रीजी रेखाजी चौरडिया रेखाजी खिवेसरा सेजलजी सिंघवी, सोनियाजी सिंघवी, नीमाजी धोका, ममताजी जैन, नीमाजी कोठारी, ममताजी ढलावत, खुशबूजी बाफना, रीनाजी चपलोत, संगीता गोखरू, नीतूजी परमार सभी का सहयोग मिल रहा है। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथ महिला मंडल सहमंत्री विजेताजी भंसाली ने किया।
यह जानकारी मीडिया प्रभारी प्रवीण चोरडिया ने दी।
वाशी मे पर्युषण महापर्व पर चौथा दिन वाणी संयम दिवस मनाया
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