- भगवान महावीर ने किसी को भी शत्रु नहीं मानने का सिद्धांत दिया: साध्वी सिद्ध प्रभा जी
विजयनगर। दिनांक 8अगस्त 2024 को तेरापंथ सभा भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सिद्ध प्रभा जी ठाणा- 4 द्वारा अभातेयुप निर्देशित सम्यक दर्शन कार्यशाला प्रवचन में तेयुप विजयनगर के अंतर्गत करवाई गई। कार्यक्रम की शुरुवात साध्वी श्री द्वारा सामुहिक नवकार के मंगल मंत्रोच्चार से हुआ। तेयुप विजयनगर अध्यक्ष कमलेश जी चोपडा के सभी का स्वागत किया।
साध्वी श्री सिद्ध प्रभा जी ने भगवान महावीर द्वारा प्रदत्त मुख्य तीन सिद्धांतो अहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह पर विस्तार से बताया। अभातेयूप एवं समन समण संस्कृति संकाय द्वारा आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी द्वारा रचित पुरुषोत्तम महावीर पर आधारित पुस्तक पर परीक्षा की तैयारी हेतु साध्वी श्री ने सबको अध्ययन एवं स्वाध्याय करने की प्रेरणा दी। साध्वी श्री ने आरंभी हिंसा, उद्योगी हिंसा और विरोधी हिंसा के बारे में विवेचन किया। साध्वी श्री ने भगवान महावीर द्वारा प्रदत्त कठिन पर उपकारी सिद्धांत “सब जीवों से मैत्री और शत्रुता का अभाव” के बारे में बताते हुए इसे आज के युग की जरूरत बताया। साध्वी श्री ने आज के विरोधाभासो को समझाते हुए अनेकांतवाद के सिद्धांत की प्रसंगिगता पर बल दिया। अपेक्षा के अनुसार स्थिति और परिस्थिति को समझना ही अनेकांत है।
इस अवसर पर अभातेयुप परिवार, सभा अध्यक्ष मंगल जी कोचर, महिला मंडल अध्यक्षा मंजू जी गादिया, तेयुप उपाध्यक्ष विकास जी बांठिया, अशोक जी मारू, सहमंत्री पवन जी बैद, कमलेश जी दक, कोषाध्यक्ष अमितजी नाहटा, निवर्तमान अध्यक्ष राकेश जी पोखरणा, तेयुप विजयनगर पूर्व अध्यक्षाे, कार्यकारिणी सदस्य, स्थानीय संघीय संस्थाओं के पदाधिकारी एवं श्रावक श्राविका समाज की उपस्थित रही। संयोजक पवन जी बैद का विशेष श्रम रहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन मंत्री संजय जी भटेवरा ने किया।