मुंबई। मुंबई मनपा के जोन 6 और 5 के तहत वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए क्षतिग्रस्त/ध्वस्त, प्रमुख और सड़क किनारे नालियों/ड्रेन लाइनिंग की मरम्मत/पुनर्निर्माण के लिए ठेका एजेंसियों के टेंडर में एक तरह का चमत्कार हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मांग की है कि एक ओर जहां अयोग्य कंपनियों को दूसरे टेंडर में योग्य करार दिया गया है, वहीं इसकी जांच कर उचित टेंडर दोबारा जारी किए जाएं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा आयुक्त के साथ-साथ अतिरिक्त आयुक्त परियोजना को भेजे गए एक स्मरण में बताया है कि हाल ही में मनपा ने ईएस 489 के लिए टेंडर जारी किया था। जिसमें 5 कंपनियों ने भाग लिया था और वाणिज्यिक रिपोर्ट में केवल तीन कंपनियां ही पात्र थी। दो कंपनियों को किसी कारणवश अपात्र घोषित कर दिया गया। हालाँकि, दो कंपनियाँ जो कार्य कोड ES 489 के लिए अपात्र हैं, अर्थात् स्वास्तिक और हर्षिल, कार्य कोड ES 490 के लिए पात्र हैं और उनमें से एक L1 है। ES 489 और E 490 की व्यावसायिक रिपोर्टों को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। जोन 6 के तहत 7 फीसदी और सर्कल 5 के तहत 18 फीसदी कम दर पर काम दिया जाएगा। अब स्वास्तिक और हर्षिल कंपनी ने 7 फीसदी की बजाय 13 फीसदी की कम दर पर काम करने की तैयारी दिखाई है।
अनिल गलगली के मुताबिक, क्या इससे काम की गुणवत्ता बनी रहेगी? ये एक बड़ा सवाल है. एक जगह कंपनी अपात्र थी तो दूसरी जगह पात्र थी। इसकी जांच करेंगे तो मिलीभगत सामने आएगी और 2 साल में काम पूर्ण होगा या नहीं? यह कहना अभी भी असंभव है।
बीएमसी का ठेका: जो कंपनियां एक तरफ से अपात्र हैं वे दूसरी तरफ से पात्र हैँ!
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