हासन (कर्नाटक) । भगवान महावीर का जीवन शाश्वत सत्य का निदर्शन है। उनके जीवन वृत की रेखाएं जन जीवन के लिए आदर्श है। भगवान महावीर ने धर्म की मौलिक आज्ञाएं प्रदान की। उनका पारदर्शी दृष्टिकोण मोक्ष मार्ग पर बढ़ने का संकेत है। ये विचार युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि मोहजीत कुमार जी ने 2550 वें निर्वाण वर्ष के अवसर पर आयोजित मलनाड स्तरीय श्रमण महावीर’ जीवन दर्शन प्रतियोगिता के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किये। उन्होंने कहा – आज दुनिया में जितने धर्म है उनमें, जैन धर्म परम वैज्ञानिक आध्यात्मिक माना गया है। श्रमण महावीर कृति आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा आलेखित है। इस कृति से महावीर के जीवन, दर्शन, साधना और समत्व का बोध किया जा सकता है।
श्रमण महावीर’ कृति एवं प्रतियोगिता के सन्दर्भ में विशद जानकारी मुख्य प्रस्तोता मुनि भव्य कुमार जी ने अपने भाव पूर्ण शब्दों में दी।
मुनि जयेश कुमार जी ने भगवान महावीर के मानव से मसीहा बनने के सफर को आध्यात्मिक और वैज्ञानिक घरातल पर प्रभावी शैली में प्रस्तुति दी।
प्रतियोगिता समायोजक मलनाड क्षेत्रीय तेरापंथ समिति के अध्यक्ष महावीर जी भंसाली ने सभी को इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। इस प्रतियोगिता के लिए चार क्षेत्रीय संयोजिकाओं की नियुक्ति की गई है। मलनाड के 20 क्षेत्रों के लगभग सभी पदाधिकारी एवम सदस्य उपस्थित हुए ।
कार्यक्रम के शुभारंभ में ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों द्वारा महावीर अष्टकम का संगान किया गया। तेरापंथ महिला मंडल ने महावीर गान प्रस्तुत किया।इस अवसर पर हासन सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र जी तातेड ने सभी का स्वागत किया। महासभा मलनाड क्षेत्रीय प्रभारी माणक जी गादिया चिकमंगलूर सभाध्यक्ष महेन्द्र जी डोसी,हासन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सोहन जी तातेड़, मदन जी गादिया,लक्ष्मीपत नाहटा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
आभार ज्ञापन सभा मंत्री सुरेश कोठारी ने किया।
– विकास धाकड़