- चतुर्दशी के संदर्भ में आचार्यश्री ने चारित्रात्माओं को दी पावन प्रेरणा
- साध्वीप्रमुखाजी ने भी उपस्थित जनता को किया उद्बोधित
- दूसरे दिन भी मुम्बईवासियों ने अपने आराध्य की समक्ष प्रस्तुत की भावनाएं
26.11.2023, रविवार, घोड़बंदर रोड, मुम्बई (महाराष्ट्र)। नन्दनवन में स्थित तीर्थंकर समवसरण में जनता की उपस्थिति के साथ-साथ गुरुकुलवासी समस्त चारित्रात्माओं की भी विशेष उपस्थिति थी। कारण था इस पंचमासिक चतुर्मास की अंतिम चतुर्दशी तिथि। मंच के मध्य स्थित तेरापंथ धर्मसंघ के देदीप्यमान महासूर्य, शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि 32 आगम जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ में मान्य हैं। इनमें एक आगम रायपसेणियं में राजा प्रदेशी और कुमारश्रमण केशी से वार्तालाप का संदर्भ प्राप्त होता है। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र के विद्वान व्यक्तित्व प्रतीत होते हैं। राजा प्रदेशी नास्तिक विचारधारा वाला विद्वान तो मुनि कुमारश्रमण केशी आस्तिक विचाराधारा के वाले। दोनों को ही पढ़ने व सुनने पर दोनों के तर्क बड़े संगत लगते हैं।
हमारे सामने चारित्रात्माएं उपस्थित हैं। इनमें नवदीक्षित साधु-साध्वियां भी हैं। शैक्ष चारित्रात्माएं भी हैं। चारित्रात्माएं मुनि कुमारश्रमणकेशी से प्रेरणा लेकर अपने ज्ञान और तर्कशक्ति का विकास करने का प्रयास करें। तर्क संगत और यथार्थ हो तो तर्क भी गुणवत्तापूर्व हो सकता है। कुमारश्रमणकेशी जितना ज्ञान हो अथवा न हो, उस दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास तो करना ही चाहिए। मुख्यमुनिश्री आदि कई साधु-साध्वियां अच्छे प्रस्तुति देने वाले हैं। उन्हें और अधिक विकास करने का प्रयास करना चाहिए। राजा प्रदेशी जो गृहस्थावस्था में रहते हुए जो शरीर वहीं जीव को मानने वाला और मुनि कुमारश्रमणकेशी आत्मा अलग और शरीर को अलग-अलग विषय पर चर्चा हुई थी।
अब यहां के चतुर्मास की सम्पन्नता बहुत निकट है। यहां से सभी सभी चारित्रात्माओं का विहार होना है। यह विशाल परिसर का चतुर्मास अब सम्पन्नता की ओर है। सभी साधु-साध्वियां सुखे-सुखे विहार करें, मंगलकामना। आचार्यश्री ने चतुर्दशी के संदर्भ में चारित्रात्माओं को विविध प्रेरणाएं प्रदान कीं। साधु-साध्वियों ने अपने स्थान पर खड़े होकर लेखपत्र का उच्चारण किया। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन से पूर्व साध्वीप्रमुखाजी ने उपस्थित जनता को उद्बोधित किया।
इसके पूर्व मुम्बईवासी मंगलभावना समारोह के दूसरे भी अपने आराध्य के श्रीचरणों में भावांजलि अर्पित किए। मुम्बई ज्ञानशाला की संयोजिका श्रीमती अनिता परमार, मुम्बई सभा के कार्याध्यक्ष श्री नवरतनमल गन्ना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री कन्हैयालाल मेहता, श्रीमती निर्मला चिण्डालिया, चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के प्रचार मंत्री श्री मांगीलाल छाजेड़, श्री अशोक बरलोटा, भोजनशाला संयोजक श्री महेन्द्र तातेड़, स्वागताध्यक्ष श्री सुरेन्द्र बोरड़ पटावरी, चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के महामंत्री श्री सुरेन्द्र कोठारी, श्री गौतम कोठारी, अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल की कोषाध्यक्ष श्रीमती तरूणा बोहरा, मुम्बई सभा के मंत्री श्री दीपक डागलिया, चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के प्रबन्धक श्री मनोहर गोखरू ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। इस दौरान मुम्बई ज्ञानशाला परिवार व मुम्बई कन्या मण्डल ने अपनी-अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी।
आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में पहुंचे पूर्व विधायक व चतुर्मास स्थल के ऑनर भी नरेन्द्र मेहता ने आचार्यश्री के दर्शन कर अपनी मंगलभावनाएं व्यक्त कीं और आचार्यश्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।