मुंबई। निर्माणाधीन होने के बावजूद लोअर परेल स्थित डेलिसल ब्रिज को जबरदस्ती सार्वजनिक तौर पर खुला करने की कोशिश आदित्य ठाकरे ने की। बताया गया की वह पुल उनके निर्वाचन क्षेत्र में होने के कारण ऐसा किया गया। जो आदित्य ठाकरे आज तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनसम्पर्क कार्यालय नहीं बना सके, वे आज जनता का मसीहा होने का झूठा दिखावा कर रहे है, ऐसे कड़े शब्दों में शिव सेना सचिव एवं प्रवक्ता विधायक डॉ. मनीषा कायंदे ने आदित्य ठाकरे की आलोचना की।
उन्होंने आगे कहा कि आज आदित्य ठाकरे झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें जनता की कितनी परवाह है। लेकिन जब आदित्य ठाकरे पर्यावरण मंत्री थे तो उन्होंने मेट्रो कारशेड का काम रोक दिया था। जिसका 10 हजार करोड़ रुपये का खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। यातायात के लिए खतरनाक मानकर गिराए गए मस्जिद बंदर में कर्णाक ब्रिज, सैंडहर्स्ट रोड पर हेकॉक, लोअर परेल में डेलीसल, चर्नी रोड पर फरेरे ब्रिज, गोखले ब्रिज, जेवीपीडी जंक्शन पर जुहू-वर्सोवा रोड को सीडी बर्फीवाला रोड से जोड़ने वाला पुल, मलाड लिंक रोड पर मिठ चौकी जंक्शन, सेनापति बापट मार्ग जो खतरे के कारण ध्वस्त कर दिए गए थे। मच्छीमार कॉलोनी को वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ने वाले तीसरे फ्लाईओवर, तथा रे रोड ब्रिज, घाटकोपर ब्रिज, माटुंगा ब्रिज, चिंचपोकली ब्रिज और महालक्ष्मी ब्रिज जैसे कई पुलों पर काम अभी भी प्रलंबित है। मुंबई महापालिका में सत्ता में होने के कारण पर्यावरण मंत्री रहते हुए आदित्य ठाकरे मनपा के कार्यों में सीधे हस्तक्षेप कर रहे थे। इसीलिए इन पुलों का निर्माण आज तक रुका हुआ है। इसके लिए पूरी तरह से आदित्य ठाकरे जिम्मेदार है। निर्माणाधीन ब्रिज को जनता के लिए खुला कर के आदित्य ठाकरे आम जनता की जिंदगी को खतरे में डालना चाहते है क्या, ऐसा सवाल मनीषा कायंदे ने उपस्थित किया।
आदित्य ठाकरे बड़े बाप की बिगड़ैल औलाद, राजनीति में अपनी छाप छोड़ें, सिर्फ मीडिया के लिए राजनीति न करेंः मनीषा कायंदे
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