तिरूपुर (बैंग्लुरु)। आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या डॉक्टर साध्वी गवेषणा श्री जी ठाणा- 4 के सानिध्य में श्रीमती संतोष जी बोहरा के पखवाड़े एवं श्रीमती संपत जी डागा के अठाई तप का अभिनंदन समारोह मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वी श्री जी द्वारा नमस्कार महामंत्र से किया गया। साध्वी श्री डॉ.. गवेषणा श्री जी ने फरमाया – तप से आत्मा निर्मल बनती है। तन की स्वस्थता और मन की स्वस्थता के लिए तप बहुत जरूरी है। तप से कर्मो की निर्जरा होती है। साध्वी श्री मेरूप्रभा जी ने सुमधुर गितिका प्रस्तुत की। साध्वी श्री मयंकप्रभा जी ने तपस्या के महत्व को उजागर किया। साध्वी श्री दक्षप्रभा जी ने सुमधुर गितिका से सभी को तपस्या करने की प्रेरणा दी।
श्रीमती संतोष जी बोहरा ने पखवाड़े की तपस्या का प्रत्याख्यान साध्वी श्री जी से किया। मंगलाचरण महिला मंडल द्वारा किया गया। सभी का स्वागत सभा अध्यक्ष श्रीमान अनिल जी आंचलिया ने किया। बोहरा परिवार ने गितिका की प्रस्तुति दी। श्रीमती अनुपमा जी तातेड़, श्रीमती ममता जी बोहरा,श्री हेमंत जी बोहरा, श्री शौर्य जी बोहरा ने अपनी भावना व्यक्त की। तपस्वी का अभिनंदन सभा अध्यक्ष श्रीमान अनिल जी आंचलिया और श्रीमान हेमंत जी पारख ने किया।
श्रीमती संपत जी डागा ने 8 की तपस्या का प्रत्याख्यान साध्वी श्री जी से किया। डागा परिवार ने सामुहिक गितिका प्रस्तुत की। श्रीमती रेणुका जी मालू, श्रीमती मनोज देवी बोहरा, पोती रीतिसा डागा ने अपनी भावना व्यक्त की। तपस्वी का अभिनंदन श्रीमान अनिल जी आंचलिया, श्रीमान विनोद जी सुराणा, श्रीमान चैनरूप जी कोठारी ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन क्रमशः श्रीमान हेमंत जी पारख और श्रीमती रेणु जी दूगड़ ने किया। आभार ज्ञापन क्रमशः श्रीमान बिजय जी मालू और नवीन जी दुगड़ ने किया।
- समाचार प्रदाता – विकास सेठिया