- शरीर और आत्मा पुस्तक सन्मार्ग बताने वाली है मुनि दीप कुमार
विजयनगर (बेंगलुरु)। दिनांक 19. 8. 2023 विजयनगर बेंगलुरु में स्थित तेरापंथ सभा भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री दीप कुमार जी ठाणा दो के सानिध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद एवं समण संस्कृति संकाय के संयुक्त तत्वाधान में तेरापंथ युवक परिषद विजयनगर द्वारा सम्यक दर्शन कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। जिसमें मुनि श्री काव्य कुमार जी ने शरीर और आत्मा पुस्तक आधारित कार्यशाला की मुख्य अभिव्यक्ति दी।
मुनि श्री दीप कुमार जी ने कहा की साधु संत सन्मार्ग प्रदाता होते हैं आध्यात्मिक मार्गदर्शन द्वारा व्यक्ति उन्मार्ग से सन्मार्ग की और प्रशस्तिथ हो जाते हैं, सम्यक दर्शन कार्यशाला द्वारा आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी की कृति शरीर और आत्मा द्वारा आत्मवाद को समझने में सुगमता हो सकती है। केशी कुमार श्रमण, राजा प्रदेशी के मार्गदर्शक बने और उनमें रूपांतरण घटित हो गया ।
मुनि श्री काव्य कुमार ने कहा राजा प्रदेशी का व्याख्यान आपने बहुत बार सुना है, जो बहुत ही क्रूर हिंसक राजा था, जिसके लिए कहा गया कि उसके हाथ हमेशा खून से लिप्त रहते थे , एक दिन वह भी आया जब वह व्रती श्रावक बन गया। प्रस्तुत कार्यशाला की आधार पुस्तिका है शरीर और आत्मा यह कृति नाम में गंभीर प्रतीत होती है लेकिन जब हम इसके पृष्ठों को पढ़ते हैं तो समझ आता है कि यह कितनी ज्यादा सरल है ।
इस कार्यशाला में ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़कर इसका अध्ययन स्वाध्याय करें । कार्यक्रम में संयोजक पवन जी बैद ने कार्यशाला के बारे में जानकारी प्रदान की।