नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ऐतिहासिक लाल किले से आम चुनाव का ऐजेंडा तय करते हुये अपने नौ वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों को विस्तार से गिनाया और अगले वर्ष फिर से लालकिले की प्राचीर पर ध्वजारोहण करने का विश्वास जताया। उन्होंने देश को परिवारवादी राजनीति, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण से मुक्ति दिलाने के लिए 30 वर्ष के बाद सत्ता में आयी पूर्ण बहुमत की स्थिर सरकार को बनाये रखने का आह्वान भी किया।
श्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौक के पर राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा “देश के पास आज ऐसी सरकार है, वो सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय देश के संतुलित विकास के लिए समय का पल-पल और जनता की पाई-पाई जनता की भलाई के लिए लगा रही है और मेरी सरकार, मेरे देशवासियों का मान एक बात से जुड़ा हुआ है, हमारे हर निर्णय, हमारी हर दिशा, उसका एक ही मानदंड है राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र प्रथम यही दूरगामी परिणाम, सकारात्मक परिणाम पैदा करने वाला है। देश में बड़े स्तर पर काम हो रहा है। लेकिन मैं कहना चाहूंगा 2014 में आपने एक मजबूत सरकार बनाई और मैं कहता हूं 2014 में और 2019 में आपने एक सरकार बनायी तो मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत आई। और जब मोदी ने एक के बाद एक रिफॉर्म किए तो मेरे ब्यूरोक्रेसी के लोग, मेरे लाखों हाथ-पैर, जो हिन्दुस्तान के कोने-कोने में सरकार के हिस्से के रूप में काम कर रहे हैं, उन्होंने ब्यूरोक्रेसी ने ट्रांसफॉर्म करने के लिए परफॉर्म करने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई और उन्होंने परफॉर्म करके दिखाया और जनता-जनार्दन जुड़ गई तो वो ट्रांसफॉर्म होता भी नजर आ रहा है। और इसलिए रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म का ये कालखंड अब भारत के भविष्य को गढ़ रहा है। हमारी सोच देश की उस ताकतों को बढ़ावा देने पर है, जो आने वाले एक हजार साल की नींव को मजबूत करने वाले हैं।”
उन्होंने कहा कि आज भारत पुरानी सोच, पुराने ढर्रे को छोड़ करके लक्ष्यों को तय करके, लक्ष्यों को प्राप्त करने की नजर से चल रहा है। उन्होंने कहा “जब मैं कहता हूं कि जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है उसके उद्घाटन भी हमारे कालखंड में करते हैं। इन दिनों जो मैं शिलान्यास कर रहा हूं न आप लिख करके रखिए उसके उद्घाटन भी आप सबने मेरे नसीब में ही छोड़े हुए हैं। हमारी कार्य संस्कृति, बड़ा सोचना, दूर का सोचना, सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय सोचना यह हमारी कार्यशैली रही है। और सोच से भी ज्यादा, संकल्प से भी ज्यादा हासिल कैसे करना इस ऊर्जा के साथ हम काम करते हैं।”
श्री मोदी ने कहा कि सपने अनेक हैं, संकल्प साफ है, नीतियाँ स्पष्ट हैं। नियत के सामने कोई सवालिया निशान नहीं है। लेकिन कुछ सच्चाईयों को हमें स्वीकार करना पड़ेगा और उसके समाधान के लिए आज लाल किले से आपकी मदद मांग रहा हूं। उन्होंने देशवासियों से कहा “ मैं लाल किले से आपका आर्शीवाद मांगने आया हूं। क्योंकि पिछले सालों मैंने देश को जो समझा है, देश की आवश्यकताओं को जो मैंने परखा है। और अनुभव के आधार पर मैं कह रहा हूं कि आज गंभीरतापूर्वक उन चीजों को हमें लेना होगा। आजादी के अमृतकाल में, 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएंगा, उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा-झंडा विकसित भारत का तिरंगा-झंडा होना चाहिए, रत्ती भर भी हमें रुकना नहीं है, पीछे हटना नहीं है और इसके लिए सुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता ये पहली मजबूती की जरूरत है। हमें उस मजबूती को जितना ज्यादा खाद पानी दे सकते हैं, संस्थाओं के माध्यम से दे सकते हैं, नागरिक के नाते दे सकते हैं, परिवार के नाते दे सकते हैं यह हमारा सामूहिक दायित्व होना चाहिए।”श्री मोदी ने कहा कि पिछले 75 साल का इतिहास देखिए, भारत के सामर्थ्य में कोई कमी नहीं थी और यह जो देश कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था वो देश क्यों न फिर से उस सामर्थ्य को ले करके खड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा “ मेरा अखंड, अटूट, एक निष्ठ विश्वास है कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा मेरा देश विकसित भारत बनकर रहेगा। यह मैं मेरे देश के सामर्थ्य के आधार पर कह रहा हूं।”
उन्होंने कहा कि देश में पहले की तुलना में कई गुना ज्यादा अदालत में चार्जशीट हो रही है और अब जमानतें भी नहीं मिलती हैं, वैसी पक्की व्यवस्था को ले करके यह सरकार आगे बढ़ रही है, क्योंकि ईमानदारी से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ना है। आज परिवारवाद और तुष्टिकरण इसने देश का बहुत बड़ा दुर्भाग्य किया है। अब लोकतंत्र में ये कैसे हो सकता है कि राजनीतिक दल आज देश के लोकतंत्र में एक ऐसी विकृति आई है जो कभी भारत के लोकतंत्र को मजबूती नहीं दे सकती और वो क्या है बीमारी, परिवारवादी पार्टियां। और उनका तो मंत्र क्या है, पार्टी ऑफ द फैमिली, बाय द फैमिली एंड फॉर द फैमिली। इनका तो जीवन मंत्र यही है कि उनकी राजनीतिक पार्टी, उनका राजनीतिक दल परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए। परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं, योग्यताओं को नकारते हैं, सामर्थ्य को स्वीकार नहीं करते हैं। और इसलिए परिवारवाद की इस देश के लोकतंत्र की मजबूती के लिए उसकी मुक्ति जरूरी है।”
उन्होंने कहा कि सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय, हर किसी को हक मिले, इसलिए और सामाजिक न्याय के लिए भी ये बहुत जरूरी है, उसी प्रकार से तुष्टिकरण, तुष्टिकरण ने सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा नुकसान किया है। अगर सामाजिक न्याय को तबाह किसी ने किया है तो ये तुष्टिकरण की सोच, तुष्टिकरण की राजनीति, तुष्टिकरण का सरकारी योजनाओं का तरीका, इसने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। और इसलिए हमें तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार, ये विकास के सबसे बड़े दुश्मन हैं। अगर देश विकास चाहता है, देश 2047, विकसित भारत का सपना साकार करना चाहता है तो हमारे लिए आवश्यक है कि हम किसी भी हालत में देश में भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेंगे, इस मूड को ले करके चलना चाहिए। हम सबका एक बहुत बड़ा महत्वपूर्ण दायित्व है, आपने जिस प्रकार से जिंदगी जी है, हमारी आने वाली पीढ़ी को ऐसी जिंदगी जीने के लिए मजबूर करना, ये हमारा गुनाह है, ये हमारा दायित्व है कि हमारी आने वाली पीढ़ी को हम ऐसा समृद्ध देश दें, ऐसा संतुलित देश दें, ऐसा सामाजिक न्याय की धरोहर वाला देश दें, ताकि छोटी-छोटी चीजों को पाने के लिए उन्हें कभी भी संघर्ष न करना पड़े। हम सभी का कर्तव्य, हर नागरिक कर्तव्य है और ये अमृतकाल कर्तव्यकाल है। हम कर्तव्य से पीछे नहीं हो सकते हैं, हमें वो भारत बनाना है, जो पूज्य बापू के सपनों का था, हमें वो भारत बनाना है जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना था, हमें वो भारत बनाना है जो हमारे वीर-शहीदों का था, हमारी वीरांगनाओं का था, जिन्होंने मात्रभूमि के लिए अपना जीवन दे दिया था।
उन्होंने कहा “ मैं आप में से आता हूं, मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं। अगर मुझे सपना भी आता है, तो आपके लिए आता है। अगर मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं, क्योंकि इसलिए नहीं कि आपने मुझे दायित्व दिया है, मैं इसलिए कर रहा हूं कि आप मेरे परिवाजन हैं और आपके परिवार के सदस्य के नाते मैं आपके किसी दु:ख को देख नहीं सकता हूँ, मैं आपके सपनों को चूर-चूर होते नहीं देख सकता हूं। मैं आपके संकल्प को सिद्धी तक ले जाने के लिए आपका एक साथी बनकर के, आपका एक सेवक बनकर के, आपके साथ जुड़े रहने का, आपके साथ जीने का, आपके लिए जूझने का मैं संकल्प लेकर के चला हुआ इंसान हूं और मुझे विश्वास है हमारे पूर्वजों ने आजादी के लिए जो जंग लड़ा था, जो सपने देखे थे, वो सपने हमारे साथ हैं। आजादी के जंग में जिन्होंने बलिदान दिया था, उनके आशीर्वाद हमारे साथ हैं और 140 करोड़ देशवासियों के लिए एक ऐसा अवसर आया है, ये अवसर हमारे लिए एक बहुत बड़ा संबल लेकर के आया है।”
लालकिले से प्रधानमंत्री मोदी ने तय किया चुनावी एजेंडा, सरकार बनाए रखने का किया अह्वान
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