नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने 10 दिसंबर से ऑपरेशन मिनिमम वेज शुरू करने का फैसला किया है। श्रम विभाग के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि विभाग ने 9 जिलों में 5-5 लोगों की 10 टीम बनाई है। यह टीम अलग-अलग इलाकों में जाकर छापेमारी करेंगी। ऑपरेशन मिनिमम वेज का पहला राउंड 10 दिसंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। इसके साथ जिन लोगों को दिसंबर महीने में मिनिमम वेज नहीं मिलेगा उनके लिए सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
श्रम विभाग के मंत्री गोपाल राय ने बताया कि अब न्यूनतम मजदूरी अधिनियम लागू हो चुका है। अब किसी भी श्रमिक को मिनिमम वेज ना देने वालो पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही उसे 3 साल की कैद भी हो सकती है। गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में कुल 55 लाख लोग ऐसे हैं जो मिनिमम वेज पर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। यूं तो मिनिमम वेज अब 14 हजार रुपए हो गया है लेकिन इतने पैसों में भी गुजारा करना काफी मुश्किल होता है इसके लिए सरकार की एक कमेटी ने नए मिनिमम वेज को लेकर सरकार को एक रिपोर्ट भेजी है।
सुप्रीम कोर्ट ने तय किया था मेहनताना
31 अक्टूबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रकार के श्रमिकों के लिए मेहनताने की दरें तय की थीं। यह मेहतनाना राशि डीए समेत है। ये दरें 1 नवंबर 2018 से लागू हो गई हैं।
श्रेणी | प्रति माह तनख्वाह | प्रति दिन मेहनताना |
गैर प्रशिक्षित | 14,000 रुपए | 538 रुपए |
अर्द्ध प्रशिक्षित | 15,400 रुपए | 592 रुपए |
प्रशिक्षित | 16,962 रुपए | 652 रुपए |
श्रमिक हेल्पलाइन
दिल्ली सरकार की श्रमिक हेल्पलाइन का नंबर है- 155214
इस हेल्पलाइन पर आप सोमवार से शनिवार सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक कभी भी कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इतना ही नहीं आप अपने जिले के श्रमिक कार्यालय में भी मदद लेन आ सकते हैं। इस निर्देश के बारे में अन्य जानकारी पाने के लिए आप www.labour.delhigovt.nic.in वेबसाइट पर जा सकते हैं।
एम्पलॉयर के लिए अन्य निर्देश
– श्रमिकों की सैलरी या मेहनताने का भुगतान अनिवार्य रूप से चेक के माध्यम से या सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर करके किया जाएगा।
– दिल्ली सरकार के Delhi Minimum Wages Amandment Act-2017 कानून के तहत अगर न्यूनतम सैलरी नहीं दी जा रही है तो ठेकेदार या एम्पलॉयर पर 50,000 रुपए का जुर्माना या तीन वर्ष की कैद या दोनों सजा दी जा सकती हैं।