पंढरपुर|युगप्रधान, शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी , मुनि आदित्य कुमारजी ठाणा 2 का औरंगाबाद के निकटवर्ती क्षेत्र सिडको महानगर वालूज पंढरपुर तथा राजंनगाव में पदार्पण हुआ।
पंढरपुर महावीर भवन जैन स्थानक में मुनिश्री का क्या हम भी महावीर बन सकते हैं? विषय पर विशेष प्रवचन आयोजित हुआ। मुनिश्री ने कहा राग और व्देष की ग्रन्थियो से मुक्त रहने वाला ही महावीर बन सकता है। कलियुग में भी धर्म का आलंबन लेकर महावीर बनने की अर्हता प्राप्त हो सकती है। जैन श्वेताम्बर स्थानकवासी श्रावक संघ पंढरपुर के अध्यक्ष संतोष चोरड़िया ने स्वागत भाषण किया। डॉ आंनद नाहर श्रीमती संगीता चोरड़िया नौरतमलजी बेदमुथा मुनिआदित्य कुमारजी तथा चंद्रकांत चोरडिया ने गीत वक्तव्य के द्वारा विचार व्यक्त किए। सिडको महानगर 1 में मुनिश्री डॉ आनंद नाहर पंढरपुर में दीपक चौरडिया तथा बजाज नगर में मिलापचंद जोगड़ के यहां विराजे। साध्वी उज्जवलप्रभाजी अनुप्रेक्षाश्रीजी की संसार पक्षीय माता श्रीमती पानाबाई सुवालालजी जोगड़ को महावीर जोगड़ के यहां मुनिश्री ने सेवा दर्शन का विशेष लाभ दिया। मुनि देवार्य कुमारजी के संसार पक्षीय भाई उत्सव कोटेचा के यहां भी मुनिश्री ने पगलीया किए। संघ प्रभावना की दृष्टि से मुनिश्री का यह प्रवास बड़ा ही लाभकारी रहा। आगामी पूज्य गुरुदेव के औरंगाबाद पदार्पण प्रवास के संदर्भ में मुनिश्री ने सभी कार्यकर्ताओं को प्रेरणा प्रदान की।
डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी पधारे पंढरपुर
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