बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण को भारत सरकार के लिए अहम कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। मंगलवार को भारत ने इस घोटाले से जुड़े बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित किया। इसके बाद सीबीआइ ने मिशेल को हवाई अड्डे पर ही गिरफ्तार कर लिया। आइए जानते हैं क्रिश्चियन मिशेल के बारे में। आखिर उसका अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में क्या है लिंक।
मिशेल उन तीन बिचौलियों में से एक:-36,00 करोड़ रुपए की अगस्ता-वेस्टलैंड डील में क्रिश्चियन पर मनी लॉन्ड्रिंग करने, घूस लेने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। दरअसल, बहुचर्चित अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में मिशेल उन तीन बिचौलियों में से एक हैं, जिनके खिलाफ जांच की जा रही है। गुइदो हाश्के और कार्लो गेरेसा भी इस मामले में शामिल हैं। 57 वर्षीय मिशेल, फरवरी 2017 में गिरफ्तारी के बाद से दुबई की जेल में था। उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया गया था। भारत ने 2017 में यूएई से क्रिश्चियन को भारत प्रत्यर्पित करने की आधिकारिक अपील की थी। इस संबंध में यूएई की अदालत को जरूरी दस्तावेज भी सौंपे गए।
मिशेल पर आरोप है कि उसने सह-आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचा। सह आरोपी में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। ईडी को जांच में पता चला था कि मिशेल अपनी दुबई की कंपनी ग्लोबल सर्विसेज के माध्यम से दिल्ली की एक कंपनी को शामिल करके अगस्ता वेस्टलैंड से रिश्वत ली।
कंपनी के ऐड्वाइजर रहा है मिशेल:-भारत सरकार ने आठ फरवरी, 2010 को रक्षा मंत्रालय के जरिए ब्रिटेन की अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लि. को लगभग 55.62 करोड़ यूरो का ठेका दिया था। मिशेल 1980 के दशक से ही कंपनी के साथ काम कर रहा था और इससे पहले उसके पिता भी भारतीय क्षेत्र के लिए कंपनी के सलाहकार रह चुके थे। मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का सलाहकार बताया जाता है, जिसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी जानकारी थी।
सीबीआइ और इडी की पहल:-मिशेल के प्रत्यर्प्ण के लिए भारत ने औपचारिक रूप से 2017 में अनुरोध किया था। यह अनुरोध सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की गई आपराधिक जांच पर आधारित था। ईडी ने मिशेल के खिलाफ जून, 2016 में दाखिल अपने आरोप पत्र में कहा था कि मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड से 225 करोड़ रुपये मिले था। आरोपपत्र के अनुसार वह राशि और कुछ नहीं बल्कि कंपनी की ओर से दी गई रिश्वत थी।
गुइदो हाश्के से इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस से हटा:-इस मामले में मिशेल का कहना है कि इस डील में दो अन्य बिचौलिए भी थे, लेकिन भारत सरकार ने फिर क्यों एक व्यक्ति गुइदो हाश्के से इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस हटवाया। उसका दावा था कि भारतीय प्रधानमंत्री ने इटली के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ डील की, जिसके बाद गुइदो हाश्के का नाम रेड कॉर्नर नोटिस से हटाया गया। उसने कहा कि यहां पर उसे अपनी सुरक्षा की चिंता है, उसने इस बारे में ब्रिटिश एम्बेसी से बात भी की है।
मिशेल ने दिया भरोसा:-मिशेल ने कहा कि वह जांच के लिए भारतीय एजेंसियों का सहयोग करने के लिए तैयार है, मैं किसी प्रकार का झूठ नहीं बोलूंगा। उसने उम्मीद की है कि मुझ पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा। उसने ये भी कहा कि वह भारत में किसी भी प्रकार के ट्रायल के लिए तैयार है। मेरे पास वापस इंग्लैंड जाने का मौका था, लेकिन मैं नहीं गया।
घूस देने के लिए क्रिश्चियन को सौंपे गए थे 350 करोड़:-आरोप है कि अगस्ता वेस्टलैंड ने डील फाइनल कराने के लिए क्रिश्चियन को करीब 350 करोड़ रुपये सौंपे थे, जो भारतीय राजनेताओं, एयरफोर्स के अफसरों और नौकरशाहों को देने थे। क्रिश्चियन ने घूस की रकम ट्रांसफर करने के लिए दो कंपनियों ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई, दुबई और ग्लोबल ट्रेड एंड कॉमर्स सर्विसेज, लंदन का इस्तेमाल किया था।