नई दिल्ली: नेताओं के खिलाफ कभी न खत्म होने वाले क्रिमिनल ट्रायल की प्रवृत्ति को रोकने और उन पर चल रहे केसों को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उच्च न्यायालयों से मांग कि वे नेताओं के खिलाफ 4,122 केसों को कोर्ट के विभिन्न सत्रों और मजिस्ट्रेट को आवंटित कर दें, ताकि उनका निपटारा जल्द से जल्द किया जा सके।
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसरिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें हर राज्य में नेताओं के खिलाफ लंबित केसों का सिलसिलेवार ढंग से ब्यौरा दिया गया था। पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ 4,122 आपराधिक मामले लंबित थे, जिनमें से 2,324 मामले वर्तमान विधायकों के खिलाफ थे, जबकि कुछ मामले पिछले तीन दशकों से लंबित थे।
कर्नाटक और पंजाब के मुख्यमंत्री के खिलाफ भी ट्रायल केस
जिन नेताओं के खिलाफ ट्रायल केस चल रहे हैं, उनमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी शामिल हैं। कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने पिछले साल 16 मई को कुमारस्वामी के खिलाफ ऐसे दंडनीय अपराध के लिए एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें उन्हें आजीवन कारावास की सजा हो सकती थी।
जबकि अमरिंदर सिंह के खिलाफ 23 मार्च 2017 को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और आईपीसी के कई प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने अभी तक अमरिंदर सिंह पर कोई आरोप तय नहीं किया है।
180 विधायकों को सुनाई गई मौत/आजीवन कारावास की सजा
हंसरिया और वकील स्नेहा कलिता ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एस. के. कौल व के. एम. जोसेफ की एक खंडपीठ को बताया, “4,122 मामलों में से 1,991 केसों में आरोप तय किए जाने हैं। वहीं 180 विधायकों के खिलाफ 430 मामलों में ऐसे हैं, जिनमें मौत की सजा या फिर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
जितनी अदालतें चाहिए ले लो पर नेताओं के क्रिमिनल ट्रायल जल्दी खत्म करो: सुप्रीम कोर्ट
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