बुलंदशहर. गोकशी के शक में हुई हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के बेटे अभिषेक ने कहा कि उनके पिता ने मुझे अच्छा इंसान बनने की सलाह दी। उन्होंने मुझे हमेशा धर्म के नाम पर होने वाली हिंसा से दूर रहने को कहा। लेकिन आज हिंदू-मुस्लिम विवाद में मेरे पिता की जान गई, कल किसी और के पिता को मारा जाएगा।
चिंगरावठी इलाके में सोमवार को गोकशी के शक में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान जब पुलिस दंगाइयों को रोकने पहुंची तो भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस दौरान इंस्पेक्टर सुबोध की गोली लगने से मौत हो गई। इस दौरान एक युवक भी मारा गया। पुलिस ने मामले में दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर स्लॉटर हाउस पर और दूसरी हिंसा को लेकर। एफआईआर में 27 नामजद और 60 अज्ञात आरोपी हैं। अब तक दो लोगों को हिरासत में भी लिया गया।
500 लोगों ने किया हमला
हिंसा के दौरान मौके पर मौजूद उप निरीक्षक सुरेश कुमार ने दावा किया कि लगभग 300 से 500 लोगों ने पूरे पुलिस बल पर हमला किया था। बुलंदशहर के डीएम अनुज झा ने बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध की मौत गोली लगने से हुई।
योगी ने मदद का किया ऐलान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जानकारी ली। उन्होंने दिवंगत इंस्पेक्टर की पत्नी को 40 लाख रुपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। उन्होंने आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया।
अखलाक केस की जांच में शामिल थे इंस्पेक्टर सुबोध
सुबोध ग्रेटर नोएडा में हुए अखलाक हत्याकांड की जांच में शामिल थे। वे 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक इस मामले में जांच अधिकारी रहे थे। 28 सितंबर 2015 को ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में कुछ युवकों ने अखलाक की हत्या कर दी थी। हमलावरों को शक था कि अखलाक के घर में गोमांस रखा गया था।
अखिलेश ने कहा- प्रदेश में अराजकता
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- बुलंदशहर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच संघर्ष में इंस्पेक्टर की मौत का समाचार बेहद दुखद है। उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि। भाजपा के शासन में प्रदेश अराजकता के दौर से गुजर रहा है। वहीं, आजम खान ने कहा- अगर वहां मवेशियों के शव मिले हैं, तो पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। क्यों कि जिस क्षेत्र में यह हिंसा हुई वहां, मुस्लिम आबादी नहीं है।
तेलंगाना में जहर उगल रहे योगी- सिब्बल
कपिल सिब्बल ने कहा कि यह चौकाने वाला है कि जिस तरह से भीड़ ने अखलाख मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसर को मार दिया। इन लोगों को कानून हाथ में लेने का अधिकार किसने दिया? राज्य की स्थिति पर ध्यान देने के बजाय योगी तेलंगाना में जहर उगल रहे हैं।
एसआईटीम गठित, हिंसा की वजहों को तलाशा जाएगा
एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने कहा- गोकशी मामले में सात के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने गोकशी के मामले में नयाबांस गांव निवासी योगेशराज की तहरीर पर सुदैफ चौधरी, इलयास, शराफत, अनस, साजिद, परवेज और सरफुद्दीन के खिलाफ गोवध अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 2 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है। जांच के एंगल में यह भी देखा जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्यों पुलिस कर्मियों ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़ दिया।
गोकशी के शक में हुई थी हिंसा
गोकशी के शक में चिंगरावठी इलाके में सोमवार को हिंसक प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी में आगजनी और तोड़फोड़ की थी। सड़क पर भी कई वाहन फूंके। पुलिस पर भी पथराव किया। इस दौरान पुलिस को बचाव में गोलियां भी चलानी पड़ीं। पथराव के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह घायल हो गए और उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के बेटे ने कहा- हिंदू-मुस्लिम विवाद में गई पिता की जान
Leave a comment
Leave a comment